India News (इंडिया न्यूज), Pitru Paksh 2024: 17 सितंबर से शुरू हो रहा पितृ पक्ष भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें हम अपने पूर्वजों को याद करके उनके लिए विशेष अनुष्ठान और तर्पण करते हैं। यह अवधि 15 दिनों की होती है, जिसमें हम अपने पितरों को आमंत्रित मानते हैं और उनके लिए विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। इस दौरान पितर धरती पर आते हैं, और उनका संबंध प्रकृति से भी जुड़ा होता है। आइए, इस लेख में जानते हैं कि पितृ पक्ष के समय आपके घर में पितर किन-किन रूपों में आ सकते हैं और उन्हें कैसे सम्मानित किया जा सकता है।
पितृ पक्ष में अगर आपके घर में कोई गरीब, असहाय, या जरूरतमंद व्यक्ति आए, तो उन्हें सम्मान देना अत्यंत आवश्यक है। उनका कभी भी अनादर न करें और न ही उन्हें खाली हाथ भेजें। इसके बजाय, उनके लिए भोजन की व्यवस्था करें और उन्हें खुशी से विदा करें। यह विश्वास है कि ऐसे लोगों के माध्यम से पितर आपके घर में आते हैं और उन्हें संतुष्ट करके आप पितरों को प्रसन्न कर सकते हैं।
पितृ पक्ष में अगर घर के आसपास या रास्ते में कोई गाय या कुत्ता दिखाई दे, तो इसे भगाना या मारना नहीं चाहिए। इन जानवरों को भी भोजन देने की परंपरा है, और यह शुभ माना जाता है। गाय और कुत्ता पितरों के आगमन के संकेतक माने जाते हैं, इसलिए इन्हें अच्छे से देखभाल और भोजन देना चाहिए। ऐसा करने से पितर आपके परिवार पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं।
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पितृ पक्ष में घर आए कौए को कभी भी भगाना नहीं चाहिए। कौआ पितरों का प्रतीक होता है और यह माना जाता है कि श्राद्ध पक्ष में पितर अन्न ग्रहण करने के लिए कौए के माध्यम से आते हैं। कौए को भोजन देने से पितर तृप्त होते हैं और अपने परिजनों को खुशहाल जीवन का आशीर्वाद देते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कौए द्वारा पितर अन्न ग्रहण करते हैं और इस प्रकार पितरों को प्रसन्न किया जा सकता है।
पितृ पक्ष एक ऐसा समय है जब हम अपने पूर्वजों के प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान प्रकट करते हैं। इस समय घर आए गरीब, असहाय व्यक्ति, जानवर, और कौए को सम्मानित करना न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह हमारे पितरों को प्रसन्न करने का एक तरीका भी है। इस विशेष अवधि में किए गए छोटे-छोटे कार्य हमें बड़े आध्यात्मिक लाभ प्रदान कर सकते हैं और परिवार के कल्याण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकते हैं।
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इस पितृ पक्ष, अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए, उपरोक्त बातों का पालन करें और श्रद्धा के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें।
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