इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
गणेश महोत्सव की तैयारियां देश में जोरों-शोरों से चल रही हैं। लोगों ने धूमधाम से बप्पा का स्वागत किया कर उन्हें घर में स्थापित किया। गणेश उत्सव का समापन पंचांग के अनुसार 19 सितंबर 2021 को भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को किया जाएगा। इस तिथि को अनंत चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है।
गणेश महोत्सव की तैयारियां देश में जोरों-शोरों से चल रही हैं। 10 दिनों तक चलने वाले इस पर्व को बड़ी धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। गणेश उत्सव का समापन पंचांग के अनुसार 19 सितंबर 2021 को भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को किया जाएगा। इस तिथि को अनंत चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है।
भगवान गणेश की पूजा में पूजन सामग्री और प्रसाद के साथ ही मंत्रों का भी विशेष महत्व है। यहां हम भगवान गणेश से जुड़े कुछ सामान मंत्र दे रहे हैं, जिनका उच्चारण पूजा के दौरान किया जा सकता है।
ॐ गं गणपतये नम:
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कायेर्शु सर्वदा॥
ॐ वक्रतुंडैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा
ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा
ऊँ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ति: प्रचोदयात।
गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतंडो गजानन:।
द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिप:॥
विनायकश्चारुकर्ण: पशुपालो भवात्मज:।
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय य: पठेत॥
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत क्वचित।
श्री गणेश जी की आरती
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजाधारी।।
माथे पे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
हार चढ़ै, फूल चढ़ै और चढ़ै मेवा।।
लड्डुअन को भोग लगे, संत करे सेवा ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
दीनन की लाज राखो, शंभु सुतवारी ।।
कामना को पूर्ण करो, जग बलिहारी ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा ॥
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