India News (इंडिया न्यूज), Predictions Of Saint Achyutananda: साल 2024 के शुरू होते ही कई भविष्यवाणियाँ सुर्खियों में आई हैं, जिनमें भारत और विश्व के विभिन्न हिस्सों में संकट और आपदाओं की भविष्यवाणी की गई है। इनमें से एक प्रमुख स्रोत संत अच्युतानंद की भविष्यवाणियाँ हैं, जिनकी भविष्यवाणियाँ लंबे समय से सटीक साबित होती आ रही हैं। इस लेख में, हम इन भविष्यवाणियों की सत्यता की जांच करेंगे और यह जानने की कोशिश करेंगे कि आने वाले समय में भारत और दुनिया के लिए क्या संभावनाएँ हो सकती हैं।
भविष्य मलिका और 2024 की भविष्यवाणियाँ
भविष्य मलिका एक प्राचीन उड़िया पुस्तक है, जो लगभग 600 साल पहले लिखी गई थी। इस पुस्तक में 2024 के लिए कई भविष्यवाणियाँ की गई हैं। विशेष रूप से, एक भविष्यवाणी यह है कि 2024 की शुरुआत से लेकर मध्य तक, 13 दिनों का एक विनाशकारी काल आएगा। इस अवधि के दौरान, “त्रयोदश दिन पक्ष ददा सहारत जगत” – अर्थात् 13 दिनों की यह अवधि विनाशकारी साबित हो सकती है।
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माता-पुत्र की हत्या और राजाओं का पतन
भविष्य मलिका में उल्लेखित है कि कल्कि काल में माता अपने पुत्र की हत्या करेगी। हाल ही में कई घटनाएँ, जिसमें माताओं द्वारा अपने बच्चों की हत्या की खबरें आई हैं, इस भविष्यवाणी की पुष्टि करती हैं। इसके अतिरिक्त, भविष्यवाणी में यह भी कहा गया है कि राजा का पुत्र भिखारी बनेगा। अफगानिस्तान में तालिबान के आक्रमण के बाद कई राजपरिवार के सदस्य और बड़े लोग छोटे-छोटे काम करने पर मजबूर हुए हैं, जो इस भविष्यवाणी को प्रमाणित करता है।
2024 और संभावित युद्ध
भविष्यवाणियों के अनुसार, 2024 से 2025 के बीच कई देशों के बीच युद्ध की संभावना है, जिसमें भारत भी शामिल हो सकता है। अफगानिस्तान और बांग्लादेश में सत्ता की उथल-पुथल और तख्ता पलट की घटनाएँ यह संकेत देती हैं कि भारत को सतर्क रहना होगा। भविष्य मलिका के अनुसार, भारत में कुछ लोग देश को अंदर से कमजोर करने की कोशिश करेंगे, जिससे भारत को बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
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भविष्य की आपदाओं से बचने के उपाय
भविष्य मलिका में यह भी उल्लेखित है कि जो लोग सच्चे भगवान भक्त होंगे, उन्हें प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं से बचाव मिलेगा। उदाहरण के तौर पर, हिमाचल प्रदेश में हाल ही में एक महिला मंदिर में जाकर सुरक्षित रही जबकि उसके घर को छोड़कर पूरा गाँव तबाह हो गया था। यह इस बात का प्रमाण है कि सच्चे भगवान भक्तों को आपदाओं से सुरक्षा मिलती है।
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।