India News (इंडिया न्यूज), Premanand Maharaj: बच्चों का नामकरण एक महत्वपूर्ण निर्णय होता है, और अक्सर माता-पिता यह सुनिश्चित करने की कोशिश करते हैं कि नाम विशेष, अर्थपूर्ण और सौभाग्यशाली हो। खासतौर पर आजतक तो नाम स्पेशली ऐसा रखा जाता हो जिसका कोई मतलब हो एक सूंदर और पूर्ण अर्थ हो और माता-पिता की ऐसी सोच रखना गलत भी नहीं एक व्यक्ति के ऊपर से नाम का काफी गहरा प्रभाव पड़ता हैं, और आखिर पूरी जिंदगी उसे उस नाम के साथ पुकारा जाता हैं।

तो वही, बहुत से लोग अपने बच्चों का नाम देवी-देवताओं के नाम पर रखते हैं, लेकिन इस पर एक विचारशील दृष्टिकोण रखने की आवश्यकता होती है। और आज इसी बारे में प्रेमानंद महाराज की सलाह हम आपके साथ साँझा करेंगे….

प्रेमानंद जी महाराज का विचार

प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, बच्चों के नाम के संदर्भ में कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं:

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देवी-देवताओं के नाम पर पुकारने वाला नाम:

प्रेमानंद जी महाराज का कहना है कि बच्चों के घर के नाम या पुकारने वाले नाम को देवी-देवताओं के नाम पर रखा जा सकता है। जैसे कि पहले के समय में राधे-श्याम, सीता-राम, राधा, कान्हा आदि नाम रखे जाते थे। ये नाम संस्कार और आस्था को प्रकट करते हैं और परंपरा का हिस्सा भी हैं।

सांसारिक नाम अलग रखना:

प्रेमानंद जी महाराज ने सुझाव दिया है कि बच्चों का सांसारिक नाम (जिसे उनके आधिकारिक दस्तावेजों में लिखा जाएगा) देवी-देवताओं के नाम से अलग होना चाहिए। इससे न केवल भगवान के नाम की अवमानना की संभावना कम होती है, बल्कि किसी भी संभावित दिक्कत से भी बचा जा सकता है।

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भविष्य की संभावनाएँ:

यदि बच्चे का नाम देवी-देवताओं के नाम पर रखा जाता है, तो यह एक विशिष्ट और पवित्र अर्थ को दर्शाता है, लेकिन इससे बच्चे के जीवन में किसी भी प्रकार की समस्याओं की संभावना भी हो सकती है। इसलिए, एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना महत्वपूर्ण है।

नामकरण के अन्य पहलू

अर्थपूर्ण और सकारात्मक नाम: बच्चे का नाम ऐसा होना चाहिए जो सकारात्मक ऊर्जा और अच्छे संस्कारों को प्रकट करे।
सहजता और सुगमता, नाम ऐसा हो जो बोलने और सुनने में सहज हो, और समाज में आसानी से स्वीकार हो सके।
कुलनाम और जाति की परंपरा, कभी-कभी कुलनाम और जाति की परंपरा के अनुसार भी नाम रखे जाते हैं, जो परिवार की संस्कृति को दर्शाते हैं।

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Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।