India News(इंडिया न्यूज), Premananda Maharaj: मशहूर आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद जी महाराज अपनी सत्संग में लोगों को समाधान देते नजर आते हैं और जीवन शैली के बारे में कई उपाय भी देते हैं। इसके साथ ही प्रेमानंद महाराज को जीवन शैली कैसे जीनी है। उसमें किस तरह के बदलाव करने हैं और ईश्वर में कैसे भरोसा रखना है। इन तरह की बातें करते देखा जाता है। ऐसे में एक व्यक्ति ने जब प्रेमानंद महाराज से पूछा कि क्या पत्नी के बुरे कर्मों का फल पति को भोगना पड़ता है। तो उसका उत्तर देते हुए उन्होंने सच्चाई बताइए।
- क्या पत्नी की गलती की सजा पति पर पड़चती है भारी
- इस वजह से कर्मों का मिलता है फल
पत्नी के बूरे कर्मों का फल पति को पड़ता है भोगना! Premananda Maharaj
इस सवाल का जवाब देते हुए प्रेमानंद महाराज ने कहा जब विवाह में पाणिग्रहण संस्कार होता है। तो उसे वक्त दोनों मित्र होते हैं, विवाह के वक्त जो वचन दिए जाते हैं। उसका अर्थ यह होता है कि शरीर दो होंगे लेकिन दोनों का धर्म एक ही माना जाएगा अगर आप संकल्प से खुद को अलग मानते हैं। तो फिर आप पति-पत्नी ही नहीं है। अगर आप वाकई में पति-पत्नी है तो एक दूसरे की सलाह, कर्म और त्रुटि सब कुछ एक साथ भोगना होता है।
इस वजह से पत्नी का महत्व ज्यादा
पत्नी को अर्द्धांगिनी भी कहा जाता है। जिस तरह से गाड़ी के दो पहिए होते हैं, लेकिन लक्ष्य एक ही होता है। उसी प्रकार से अलग-अलग दांपत्य जीवन की गाड़ी की पटरी भी एक ही होती है। आज के वक्त में लोग कोर्ट मैरिज कर लेते हैं। शादी में कोई संस्कार नहीं होता, वक्त बदल रहा है अब कहां धर्म की बात होती है। रिश्तो की बात कहां पर होती है, इसलिए जो भी हो जैसा भी हो राम का नाम जपते रहो। सब कुछ अच्छा होगा वही रास्ता दिखाएंगे प्रेमानंद महाराज ने आखिर में कहा कि दोनों मिलकर अच्छा सोचो अच्छा करो धर्म के रास्ते पर चलते रहो। Premananda Maharaj
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