India News (इंडिया न्यूज़), Radha Rani: ब्रज स्वामिनी, कृष्ण कामिनी, मन भाविनी, श्री राधे अर्थात ब्रज की पटरानी, कृष्ण से भी सुंदर और उनकी प्रिय, सबके मन को भाने वाली राधा रानी। राधा रानी के बारे में ऐसी बहुत सी चीजें हैं जिनके विषय में लोग जानने के लिए अति उत्सुक रहते हैं। लेकिन आज हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि राधा रानी की मृत्यु कैसे हुई थी।
राधा-कृष्ण का बचपन
कृष्ण और राधा एक दूसरे को मन ही मन पति-पत्मी मान बैठे थे। हालांकि इनका विवाह हुआ भी था लेकिन अंत में कृष्ण को द्वारका जाना था जो कि निश्तचित था और राधा रानी उनकी राह ही देखती रह गई। दरअसल दोनों का बचपन साथ बीता, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के इन अवतार ने एक दूसरे के साथ बहुत समय व्यतीत किया लेकिन एक समय ऐसा आया जो हम सब जानते हैं।
जी हां बात कर हे हैं महाभारत की। महाभारत, भारत के इतिहास के प्रमुखों में से एक हिस्सा है। इस युद्ध में आप सभी जानते होंगे कि कृष्ण अर्जुन के सारथी बने थे। कृष्ण को मथुरा छोड़ना पड़ा। यहां कृष्ण उनके लिए पल-पल तड़पते और वहां वो विराहग्नि में जलती। अब यहां कृष्ण का विवाह भी रुकमणी से हो चुका था औ राधा का विवाह भी एक ग्वाले से हो चुका था।
एक समय की बात है जब राधा को कृष्ण की बांसुरी सुनने की बहुत चाह होने लगी। वो समय जब राधा रानी काफी तरस गई थी कृष्ण की एक झलक पाने के लिए और उनकी बांसुरी की धुन सुनने के लिए। उन्होंने ये चाह रखी कि अब वो कृष्ण के दीदार जरूर करेंगी, उनकी अवस्था बहुत नाजुक हो चुकी थी। जब वो कृष्ण के पास पहुंची तो उन्हें देखते ही राधा रानी के मन को सुकून मिल गया। वहीं, दूसरी तरफ कृष्ण भी खुद को रोक नहीं पाए।
राधा रानी ने अपने प्रियतम कृष्ण से इच्छा प्रकट करते हुए कहा कि अब वो उन्हें और न तड़पाए बस एक बार अपनी बांसुरी की धुन सुना दें, ताकि राधा रानी का विचलित मन शांत हो जाए। कृष्ण ने उनकी अवस्था देखी और उनकी इच्छाओं को पूरा किया। कृष्ण ने इतनी मधुर बांसुरी बजाई कि राधा रानी उसमें वैसे ही खो गई, जैसे बचपन में वो खो जाती थी। कृष्ण ने लगातार बांसुरी बजाई और इसी को सुनते-सुनते राधा रानी ने अपने प्राण त्याग दिए। ये देखकर कृष्ण ने अपनी बांसुरी तोड़ दी और फिर कभी उसे अपने होठों के पास नहीं लगाया।