India News (इंडिया न्यूज),Rahu Ketu Gochar 2025: राहु और केतु को मायावी छाया ग्रह माना जाता है। ये हर डेढ़ साल में अपनी राशि बदलते हैं। जब भी ये गोचर करते हैं तो कई राशियों के जीवन में बुरे दिन शुरू हो जाते हैं। इस साल भी ये गोचर करने जा रहे हैं। जिसकी वजह से 2 राशियों को बड़ा नुकसान होने की संभावना है। इन्हें इस नुकसान से बचने के उपाय जान लेने चाहिए।
2025 में राहु-केतु का गोचर कब होगा?
ज्योतिषियों के अनुसार 18 मई 2025 को राहु मीन राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। इसी दिन केतु कन्या राशि से निकलकर सिंह राशि में गोचर करेगा। इन दो पाप ग्रहों के गोचर से कई राशियों के लिए बुरा समय शुरू होने की संभावना है। ऐसे में आने वाला समय उन राशियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
राहु गोचर 2025 से किन राशियों को होगा नुकसान?
18 मई 2025 को राहु ग्रह कुंभ राशि में प्रवेश करने जा रहा है। ऐसे में कुंभ राशि के जातकों के लिए आने वाला डेढ़ साल काफी परेशानी भरा हो सकता है। शादीशुदा लोगों के रिश्तों में तनाव आ सकता है। करियर में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। जिससे आर्थिक स्थिति भी खराब होने की संभावना है। ऐसे बुरे वक्त में खुद को शांत रखना और आत्मविश्वास बनाए रखना काफी मुश्किल हो सकता है।
केतु गोचर 2025 से किन राशियों को होगी परेशानी?
18 मई को केतु ग्रह सिंह राशि में भी प्रवेश करेगा। इस गोचर से सिंह राशि के जातकों की परेशानियां बढ़ सकती हैं। उनका स्वास्थ्य खराब हो सकता है, जिससे उन्हें बार-बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है। आप कोर्ट-कचहरी के मामले में फंस सकते हैं। कार्यस्थल या आस-पड़ोस में झगड़ा हो सकता है, जिससे आप तनाव में फंस सकते हैं। आपकी नौकरी या व्यापार में परेशानी आ सकती है।
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राहु-केतु के प्रकोप से बचने के उपाय
कुंभ और सिंह राशि के लोग राहु-केतु के गोचर से सबसे ज्यादा परेशान रहते हैं। इसलिए उन्हें अभी से ही खास उपाय शुरू कर देने चाहिए, ताकि वे इनके प्रकोप से बच सकें। इसके लिए सुबह-शाम राहु-केतु के मंत्रों का जाप करें। राहु को प्रसन्न करने के लिए राहु के मंत्र “ॐ रां राहवे नमः” का जाप करें। वहीं केतु के लिए “ॐ कें केतवे नमः” का जाप करें। इसके साथ ही नियमित रूप से जरूरतमंदों को तांबा, पीले कपड़े, नारियल और लोहे से बनी चीजें दान करें। इतना ही नहीं भगवान शिव और गणेश की पूजा करें। भगवान शिव ही संसार को चलाने वाले महादेव हैं। अगर वे प्रसन्न हो जाएं तो राहु-केतु को खुद ही झुकना पड़ता है।