राहु की महादशा और शरीर के विभिन्न हिस्सों में होने वाले बदलाव
राहु का प्रभाव शारीरिक रूप से शरीर के कुछ खास हिस्सों में दिखाई दे सकता है। यह सामान्यत: भ्रम, अनिद्रा, मानसिक तनाव, त्वचा संबंधी समस्याओं, तथा आंतरिक अंगों में विकार उत्पन्न कर सकता है। अगर शरीर के किसी हिस्से में निम्नलिखित बदलाव महसूस होते हैं, तो यह राहु की महादशा के संकेत हो सकते हैं:
- त्वचा संबंधी समस्याएँ (Skin Issues): राहु का प्रभाव त्वचा पर अत्यधिक पड़ सकता है। अचानक रैशेज, दाग-धब्बे, मुंहासे, खुजली या अन्य त्वचा रोग होने लगते हैं। यदि किसी के चेहरे, हाथों या शरीर के अन्य हिस्सों पर त्वचा से संबंधित समस्याएं बढ़ रही हैं, तो यह राहु की महादशा का संकेत हो सकता है।
- आंखों में परेशानी (Eye Problems): राहु के प्रभाव से आंखों में जलन, धुंधला दिखाई देना, आंखों का सूखना या उनकी ज्योति में कमी हो सकती है। आंखों से संबंधित कोई भी समस्या राहु की महादशा के दौरान बढ़ सकती है।
- नींद की परेशानी (Sleep Issues): राहु मानसिक तनाव और चिंता का कारक होता है, जिससे अनिद्रा (Insomnia) जैसी समस्या हो सकती है। रात को सोने में परेशानी, जागकर बार-बार करवट बदलना, या मानसिक अशांति से नींद में खलल आना राहु के प्रभाव का संकेत हो सकता है।
- हड्डियों और जोड़ों में दर्द (Bone and Joint Pain): राहु की महादशा के दौरान हड्डियों और जोड़ों में अकड़न या दर्द का अनुभव हो सकता है। यह दर्द शरीर के विभिन्न हिस्सों में हो सकता है, जैसे घुटनों, कमर या गर्दन में।
- पाचन संबंधी समस्याएँ (Digestive Issues): राहु का प्रभाव पाचन तंत्र पर भी पड़ सकता है, जिससे पेट में गैस, अपच, कब्ज या दस्त जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। अगर पाचन संबंधी समस्याएं अनियंत्रित हो रही हैं, तो यह भी राहु की महादशा का संकेत हो सकता है।
- सांस लेने में कठिनाई (Breathing Issues): राहु का प्रभाव फेफड़ों और श्वसन तंत्र पर भी पड़ सकता है। यदि किसी को सांस लेने में कठिनाई, खांसी, जुकाम या अन्य श्वसन समस्याएं हो रही हैं, तो यह राहु की महादशा के प्रभाव का एक रूप हो सकता है।
राहु की महादशा के दौरान शरीर के इन बदलावों को कैसे दूर करें?
- राहु के मंत्र का जाप: राहु को शांत करने के लिए “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः” का नियमित जाप किया जा सकता है। इससे राहु के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है।
- नीले रंग से बचें: राहु के प्रभाव को कम करने के लिए नीले रंग से बचें और इस रंग के कपड़े पहनने से परहेज करें। इसके बजाय सफेद, हलके रंग जैसे पीला या हरा पहनना फायदेमंद हो सकता है।
- नमक का सेवन कम करें: राहु के प्रभाव को कम करने के लिए भोजन में नमक का सेवन कम करें। अधिक नमक खाने से शरीर में अधिक जलन और रक्तचाप में वृद्धि हो सकती है।
- चांदी और तांबे के बर्तन का उपयोग करें: चांदी और तांबे के बर्तनों में भोजन करें। ये धातुएं राहु के प्रभाव को नकारात्मक रूप से कम करने में मदद करती हैं।
- ध्यान और प्राणायाम: मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए ध्यान और प्राणायाम का अभ्यास करें। यह तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है, जो राहु के प्रभाव के कारण उत्पन्न हो सकते हैं।
- विशेष रत्न पहनें: राहु के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के लिए “गनी (Cat’s Eye)” रत्न पहनने का सुझाव दिया जाता है। यह रत्न राहु के अच्छे प्रभाव को बढ़ाने और बुरे प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता है। हालांकि, रत्न पहनने से पहले एक योग्य ज्योतिषी से परामर्श लेना उचित है।
- तुलसी के पत्ते का सेवन करें: हर रोज तुलसी के पत्तों का सेवन करें, यह शरीर को शुद्ध करने में मदद करता है और राहु के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने में सहायक होता है।
- दान-पुण्य करें: राहु के प्रभाव को कम करने के लिए दान करना बहुत शुभ माना जाता है। खासकर राहु के दिन (रविवार और शनिवार) काले रंग के कपड़े, काले तिल, चाय पत्तियां या कोई अन्य वस्तु दान करें।
- नसों और जोड़ो की देखभाल: हड्डियों और जोड़ों के दर्द से बचने के लिए हड्डियों को मजबूत करने वाली विटामिन D, कैल्शियम, और आयरन की सप्लीमेंट्स लें और अपने आहार में हरी सब्जियों, फल, और दूध को शामिल करें।
राहु की महादशा का प्रभाव शरीर पर कई प्रकार से हो सकता है, जिनमें मानसिक और शारीरिक परेशानियाँ शामिल हैं। यदि आप शरीर में किसी भी प्रकार के बदलाव महसूस करते हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें और उपरोक्त उपायों का पालन करें। समय रहते उचित उपायों से राहु के प्रभाव को कम किया जा सकता है और जीवन में शांति तथा समृद्धि लाई जा सकती है।
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