India News (इंडिया न्यूज), Narmada River: एक समय की बात है, जब भारत की धरती पर एक राजकुमारी नर्मदा का निवास था। नर्मदा न केवल अपने सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध थी, बल्कि उसकी भव्यता और शुद्धता भी उसकी पहचान थी। वह राजा मेखल की पुत्री थी, और उसकी छवि हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देती थी। नर्मदा की आभा और पावनता का राज छुपा था उसकी दरियादिली और उसकी प्रफुल्लता में।
राजकुमारी नर्मदा के जीवन में एक ऐसा समय आया जब उसने प्रेम की यात्रा पर कदम रखा। उसकी नजरें राजकुमार सोनभद्र पर पड़ीं, और उसने महसूस किया कि वह वही व्यक्ति है जो उसके दिल की धड़कनों को समझ सकता है। लेकिन प्यार की इस चमत्कारी यात्रा में एक कड़वा मोड़ था। नर्मदा ने अपने दिल की आवाज़ सुनाते हुए, अपने प्रेमी राजकुमार सोनभद्र को एक गुलाब के फूल के साथ संदेश भेजने का निर्णय लिया। इस संदेश को नर्मदा ने अपनी दासी जुहिला के माध्यम से भेजा, क्योंकि वह स्वयं राजकुमार के पास नहीं जा सकती थी। लेकिन, किस्मत ने एक खेल खेला।
जुहिला ने राजकुमार से मिलने के लिए भेजे गए गुलाब के फूल को देखा और उसके मन में कुछ भटका हुआ खयाल आया। राजकुमार ने जुहिला को नर्मदा समझ लिया, और जुहिला ने राजकुमार के प्रेम निवेदन को स्वीकार कर लिया। इस गलतफहमी ने नर्मदा के जीवन को एक नया मोड़ दिया।
क्या होता हैं विवाह का सही समय दिन या रात, शंकराचार्य ने बताया सही नियम और समय?
जब नर्मदा ने देखा कि उसकी दासी जुहिला और राजकुमार सोनभद्र एक साथ हैं, तो उसका दिल टूट गया। वह अपनी आंखों के सामने हो रहे इस दृश्य से इतनी दुखी हो गई कि उसने तुरंत अपना मार्ग बदल लिया। नर्मदा ने दुख और निराशा की लहरों को समेटते हुए, उल्टी दिशा में बहने का निर्णय लिया। उसकी पवित्रता और आंसू एक नई दिशा में बहने लगे।
नर्मदा ने अब भगवान शिव की तपस्या का मार्ग चुना। उसने कठिन तपस्या की और अपनी पूरी आत्मा से शिवजी की आराधना की। भगवान शिव ने उसकी तपस्या को देखकर उसकी भक्ति और प्रेम को स्वीकार किया। उन्होंने नर्मदा को आशीर्वाद दिया कि उसकी नदी के हर पत्थर में उनके अंश होंगे। यह आशीर्वाद इतना विशेष था कि नर्मदा नदी के पत्थर पवित्र माने जाने लगे, और उसकी प्रत्येक लहर में शिवजी की उपस्थिति का अहसास होने लगा।
एक पंडित और पुजारी के बीच क्या होता हैं अंतर?
इस तरह, नर्मदा की नदी के पत्थर, उसकी लहरें, और उसका प्रवाह सभी शिवजी के आशीर्वाद से संपन्न हो गए। नर्मदा ने प्रेम में धोखा खाने के बाद तपस्या की और एक नई पहचान प्राप्त की, जो उसकी वास्तविकता और धर्म की गहराई को दर्शाती है। उसकी नदी अब न केवल एक जलधारा थी, बल्कि पवित्रता, तपस्या, और भगवान शिव की उपस्थिति का प्रतीक भी बन गई।
इस प्रकार, नर्मदा की कहानी एक प्रेम की विफलता, तपस्या की कठिनाई, और भगवान शिव के आशीर्वाद की कहानी है, जो भारतीय पौराणिक कथाओं में अनमोल स्थान रखती है।
अमीर लोग अपने घर की दक्षिण दिशा में जरूर रखते हैं ये 5 चीज? तभी तो धन-दौलत से रहते हैं भरपूर
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
Contents:Как определить разворот тренда на ФорексТест стратегии форекс «Лимитка»: +95,14% по GBP/USD за 12 месПример…
Navratri 2022 9th Day Maa Siddhidatri Puja Vidhi Vrat Katha Mantra Aarti in Hindi: नवरात्र…
Contents:Selling your item to BuyBackWorld is as easy as…GoPro swings to a surprise profit but…
Contents:India DictionaryProject Finance & Structuring SBUTop Reasons to Start Investing at an Early AgeManaging money…
Sonia Gandhi Meet Opposition parties : कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी शुक्रवार को वीडियो…
Bollywood Actress Troll : 2018 में फिल्म लवयात्री से बॉलीवुड में एंट्री करने वाली एक्ट्रेस…