India News(इंडिया न्यूज), Ramayan: रामचरितमानस और रामायण की कहानी के अनुसार देखा जाए तो भगवान राम को अयोध्या का राजा बताया जाता है। उन्होंने कई वर्षों तक अयोध्या पर राज किया था और लोगों की सेवा की थी लेकिन कई मान्यताओं के अनुसार यह भी कहा जाता है कि भगवान राम अयोध्या की नहीं बल्कि ओरछा के राजा थे। जो कि मध्य प्रदेश के जिले में स्थित है। इसके पीछे एक रोचक कहानी भी है।
- इस राज्य के राजा थे राम
- इस कारण से मध्य प्रदेश में खास तरह से जाता है पूजा
अयोध्या के नहीं ओरछा के राजा थे राम
पुरानी कथाओं की बात करें तो अनुसाी ओरछा की रानी गणेश कुंवरि ने भगवान श्री राम को ओरछा में लाने के लिए कई दिनों तक तपस्या की थी। लेकिन प्रभु राम ने उनका दर्शन नहीं दिया। जिससे रानी काफी निराशा हुई और सरयू नदी में छलांग लगा दी। ऐसे में रानी की भक्ति को देखकर राम नदी में ही रानी की गोद में आकर बैठ गए इसके बाद रानी गणेश कुंवरि ने भगवान राम से रुचा चलाने का आग्रह किया रानी की बात सुनकर श्री राम ने उन्हें तीन शर्ते दी।
इन पेड़ों की जड़ बदल देगी किस्मत, सही तरीके से होगी उन्नति
श्री राम की रखी तीन शर्ते
- मैं यहां से जहां उठा कर रख दिया जाऊंगा मैं वहीं विराजमान हो जाऊंगा।
- मैं जहां जाऊंगा वहां किसी और की सता नहीं होगी।
- साधु संतों के साथ विशेष नक्षत्र में ले जाने होगा।
रानी भगवान राम की तीनों शर्तें को मान गई और वह अयोध्या से ओरछा के राजा बनकर आज भी भगवान राम को राजा के स्वरूप में पूजा जाता है और दिन के चार पहर सलामी भी दी जाती है। यह परंपरा कई सालों से निभाई जा रही है।
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।