India News (इंडिया न्यूज़), Ravan’s Well Wisher: रावण, जिसे हम रामायण के संदर्भ में एक अत्याचारी राक्षस के रूप में जानते हैं, वास्तव में उससे कहीं अधिक जटिल और बहुआयामी व्यक्तित्व था। उसे विद्वान, योद्धा, राजनीतिज्ञ, और शिव का परम भक्त माना जाता है। हालांकि, उसके अहंकार और अधर्म के कारण उसकी विनाशकारी भूमिका भी महत्वपूर्ण है। रावण के जीवन की विभिन्न घटनाओं को जानकर यह स्पष्ट होता है कि वह केवल एक दैत्य नहीं था, बल्कि उसमें ब्राह्मण और क्षत्रिय दोनों के गुण विद्यमान थे।
रामायण में रावण को एक कुशल योद्धा, राजनीतिज्ञ और विद्वान के रूप में वर्णित किया गया है। लेकिन उसके विनाश के पीछे कुछ ऐसे शुभचिंतक थे, जिन्होंने उसके अंत का संकेत दिया। आइए जानते हैं उन पांच शुभचिंतकों के बारे में:
इन शुभचिंतकों ने रावण को चेतावनी दी, लेकिन उसकी अहंकार और शक्ति के चलते उसने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया। इनकी भविष्यवाणियां रावण के विनाश में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जो यह दर्शाती हैं कि ज्ञान और समझदारी हमेशा शक्ति से महत्वपूर्ण होते हैं।
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