Categories: धर्म

Ravidas Ke Dohe in Hindi

Ravidas Ke Dohe in Hindi

Ravidas Ke Dohe in Hindi: रविदास जी के बारे में माना जाता है कि उनका जन्‍म रविवार के दिन हुआ था, इसी कारण उनके माता पिता ने उनका नाम रविदास रख दिया। संत रविदास (Sant Ravidas) जी का जन्‍म उत्‍तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi) जिले में हुआ था। रविदास जी को समाज के पिछड़े वर्ग (backward class) को ऊपर उठाने के लिए उन्‍हें हमेशा याद किया जाता रहेगा। संत रविदास जी में सर्वसमानता (equality) और सर्वकल्‍याण (all welfare) का भाव था, तभी तो वो भारत (India) के महान संत के तौर पर विख्‍यात हैं।

गुरु रवि दास जी की जयंती माघ महीने (Magha month) में पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। उनके जन्‍म जयंती के मौके पर देश के तमाम हिस्‍सों में शोभा यात्राएं आयोजित की जाती हैं। संत रविदास की जंयती के अवसर पर सभी को अपार शुभकामनाएं। हमने कुछ गुरु रविदास जयंती की शुभकामनाएं, संदेश एकत्रित किए हैं, आशा है कि आप उन्हें पसंद करेंगे, इसलिए कृपया रविदास जयंती की शुभकामनाएं, उद्धरण, संदेश, स्थिति, शुभकामनाएं अपने परिवार, दोस्तों और प्रियजनों के साथ साझा करें।

अपनी काव्य-रचनाओं में खड़ी-बोली, राजस्थानी(Rajasthani), अवधी (Awadhi) और उर्दू-फारसी जैसी भाषाओं के शब्दों का प्रयोग किया है। जो भी संत रविदास जी के दोहे (Ravidas ke Dohe) पढ़ता है तो वह उन दोहों से बड़ी सिख लेता है। इनकी रचनाएं हास्यस्पर्शी होती हैं।

रविदास जी के दोहे अर्थ सहित in Hindi

रैदास कहै जाकै हदै, रहे रैन दिन राम।
सो भगता भगवंत सम, क्रोध न व्यापै काम।।

संत रविदास जी इस दोहे के माध्यम से भक्ति में ही शक्ति होती है इसका वर्णन कर रहे हैं। रविदास जी कहते है कि जिस हृदय में दिन-रात राम के नाम का ही वास होता है। वह हृदय स्वयं राम के समान होता है। वे कहते है कि राम के नाम में ही इतनी शक्ति होती है कि व्यक्ति को कभी क्रोध नहीं आता और कभी भी कामभावना का शिकार नहीं होता हैं।

रविदास जन्म के कारनै, होत न कोउ नीच।
नर कूँ नीच करि डारि है, ओछे करम की कीच।।

इस दोहे के माध्यम से संत रविदास जी कहना चाहते है कि कोई भी इन्सान जन्म लेने से ऊँच नीच नहीं होता है। इन्सान के कर्म ही होते हैं जो उसे नीच बना देते हैं। अर्थात् इन्सान के कर्म ही उसे नीच बनाते हैं।

एकै साधे सब सधै, सब साधे सब जाय।
रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अगाय।।

संत रविदास जी कहते हैं कि सभी कामों को यदि हम एक साथ शुरू करते हैं तो हमें कभी उनमें सफलता नहीं मिलती है। ठीक उसी प्रकार यदि किसी पेड़ की एक एक टहनी और पति को सींचा जाये और उसकी जड़ को सुखा छोड़ दिया जाये तो वह पेड़ कभी फ़ल नहीं दे पायेगा।

करम बंधन में बन्ध रहियो, फल की ना तज्जियो आस।
कर्म मानुष का धर्म है, सत् भाखै रविदास।।

रविदास जी का कहना है कि मनुष्य को हमेशा अच्छे कर्म करना रहना चाहिए, उससे मिलने वाले फल की इच्छा नहीं करनी चाहिए। क्योंकि कर्म करना मनुष्य का धर्म है तो उसका फल मिलाना भी हमारा सौभाग्य।

जाति-जाति में जाति हैं, जो केतन के पात।
रैदास मनुष ना जुड़ सके जब तक जाति न जात।।

इस दोहे में संत रविदास जी कहते हैं कि केले के तने को छिला जाये तो पते के निचे पता और पते के नीचे पता मिलता है और अंत में कुछ भी नहीं मिलता है। ठीक उसी प्रकार इन्सान भी जातियों में बंट गया है। उनका कहना है कि इन जातियों ने इन्सान को बांट दिया है। अंत में इन्सान भी खत्म हो जाता है। पर जातियां खत्म नहीं होती है। संत रविदास जी कहते हैं कि जब तक जातियां खत्म नहीं होगी तब तक इन्सान एक नहीं हो सकता है।

जा देखे घिन उपजै, नरक कुंड मेँ बास।
प्रेम भगति सों ऊधरे, प्रगटत जन रविदास।।

रविदास जी कहते है की जिस रविदास को देखने से लोगो को घृणा आती थी, जिनका निवास नर्क कुंद के समान था। ऐसे रविदास का ईश्वर की भक्ति में लीन हो जाना सच में फिर से उनकी मनुष्य के रूप में उत्पत्ति हो गयी है।

मन ही पूजा मन ही धूप।
मन ही सेऊं सहज स्वरूप।।

इस दोहे में रविदास जी कहते है कि भगवान हमेशा एक स्वच्छ और निर्मल मन में निवास करते हैं। यदि आपके मन में किसी प्रकार का बेर, लालच या द्वेष नहीं है तो आपका मन भगवान का मंदिर, दीपक और धूप के समान है। इस प्रकार के लोगों में ही भगवान हमेशा निवास करते हैं।

कृस्न, करीम, राम, हरि, राघव, जब लग एक न पेखा।
वेद कतेब कुरान, पुरानन, सहज एक नहिं देखा।।

संत रविदास जी कहते हैं कि भगवान एक ही है। उनके राम, कृष्ण, हरी, इश्वर, करीम और राघव अलग-अलग नाम है। सभी वेद, कुरान और पुराण जैसे सभी ग्रंथों में एक ही इश्वर का गुणगान किया हुआ है और ये सभी ग्रन्थ इश्वर की भक्ति का पाठ सिखाते हैं।

रहिमन निज संपति बिना, कोउ न बिपति सहाय।
बिनु पानी ज्‍यों जलज को, नहिं रवि सकै बचाय।।

संत रविदास जी कहते हैं कि मुश्किल परिस्थिति व्यक्ति की सहायता कोई नहीं करता है। उस समय उसके द्वारा कमाई गई दौलत या सम्पति ही उसके लिए सबसे मददगार होती है। ठीक उसी प्रकार सूर्य भी तालाब का पानी सूख जाने पर पर कमल को सूखने से नहीं बचा सकता है।

हरि-सा हीरा छांड कै, करै आन की आस ।
ते नर जमपुर जाहिंगे, सत भाषै रविदास।।

इस दोहे में संत रविदास जी कहते हैं कि जो लोग हीरे जैसे बहुमूल्य हरी को छोडकर दूसरी चीज़ों की आशा रखते हैं। उन लोगों अवश्य ही नर्क में जाना पड़ता है। अर्थात् इश्वर की भक्ति को छोडकर इधर उधर भटकना बिल्कुल व्यर्थ है।

कह रविदास तेरी भगति दूरि है, भाग बड़े सो पावै।
तजि अभिमान मेटि आपा पर, पिपिलक हवै चुनि खावै।।

संत रविदास जी कहते हैं कि इश्वर की भक्ति व्यक्ति को अपने भाग्य से प्राप्त होती है। यदि मनुष्य में थोड़ा सा भी घमण्ड नहीं है तो वह जरूर ही अपने जीवन में सफल होता है। ठीक इसी प्रकार जिस प्रकार एक विशालकाय हाथी शक्कर के दानों को बिन नहीं सकता है और एक छोटी सी दिखने वाली चींटी शक्कर के दानों को आसानी से बिन पाती है। इसी प्रकार मनुष्य को भी अपने जीवन में बड़पन का भाव त्यागकर इश्वर की भक्ति में लीन रहना चाहिए।

ब्राह्मण मत पूजिए जो होवे गुणहीन।
पूजिए चरण चंडाल के जो होवे गुण प्रवीन।।

इस दोहे में संत रविदास जी कहना चाहते हैं कि किसी को सिर्फ़ इसलिए नहीं पूजना चाहिए कि वह किसी पूजनीय पद पर है। यदि उस व्यक्ति में उस पद के अनुसार पूजनीय गुण नहीं है तो उसे नहीं पूजना चाहिए। यदि कोई ऐसा व्यक्ति है जो किसी पूजनीय पद पर तो नहीं है, पर उसमें पूजनीय गुण है तो उसे अवश्य ही पूजना चाहिए।

मन चंगा तो कठौती में गंगा।।

इस दोहे में रविदास जी कहना चाहते है कि जिसका मन पवित्र होता है, उसके बुलाने पर मां गंगा भी एक कठौती में भी आ जाती हैं। यहां पर कठौती से मतलब चमड़ा भिगोने के लिए पानी से भरे पात्र से है।

रविदास के पद

प्रभु जी तुम चंदन हम पानी। जाकी अंग-अंग बास समानी।।
प्रभु जी तुम घन बन हम मोरा। जैसे चितवत चंद चकोरा।।
प्रभु जी तुम दीपक हम बाती। जाकी जोति बरै दिन राती।।
प्रभु जी तुम मोती हम धागा। जैसे सोनहिं मिलत सोहागा।।
प्रभु जी तुम स्वामी हम दासा। ऐसी भक्ति करै रैदासा।।

Read Also : Famous Dohas by Guru Ravidas मन चंगा तो कठौती में गंगा

Read Also : Guru Ravidas Jayanti संत कवि गुरु रविदास जी मध्यकाल के संत समाजसुधारक व विचारक

Read Also : Guru Ravidas Jayanti 2022 Wishes And Quotes

Connect With Us : Twitter Facebook

India News Editor

Recent Posts

MPPSC Exam 2022 का फाइनल रिजल्ट जारी,एग्जाम में महिलाओं का जलवा,जाने किसने किया टॉप

India News(इंडिया न्यूज) MPPSC Exam 2022: मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) ने राज्य सेवा…

19 minutes ago

वाराणसी पुलिस का ताबड़तोड़ एक्शन,25 हज़ार का इनामी बदमाश पुलिस की गोली से घायल

India News(इंडिया न्यूज) Operation Chakarvyuh: वाराणसी में पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल के निर्देशन में चल…

41 minutes ago

सनातन की शक्ति का हुआ विस्तार, 1500 से अधिक नागा संन्यासियों की दीक्षा का साक्षी बना संगम तट

India News(इंडिया न्यूज)Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ मेले की शोभा हैं,यहां सेक्टर 20 में मौजूद सनातन…

46 minutes ago

कोटा में बढ़ते छात्र आत्महत्या के मामलों पर मंत्री का बड़ा बयान,कहा ‘पढ़ाई का दबाव और…जिम्मेदार

India News(इंडिया न्यूज) Rajasthan News: राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कोटा में छात्र…

1 hour ago

गोवंश सहित पशुओं को पालने वालों के लिए CM योगी ने बड़ी बात कह दी

India News(इंडिया न्यूज)Kisan News UP: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को पशुपालन विभाग के अधिकारियों…

1 hour ago

दिल्ली ने रचा इतिहास,2025 ‘बेस्ट कल्चर डेस्टिनेशन्स’ लिस्ट में भारत की राजधानी ने बनाई जगह

India News(इंडिया न्यूज) Best Culture Destination:  दुनिया भर के यात्रियों की पसंदीदा सांस्कृतिक स्थलों की…

1 hour ago