India News (इंडिया न्यूज), Ravan Sleep Alone: लंकेश रावण को भारतीय महाकाव्य रामायण में एक अत्यंत विद्वान, पराक्रमी योद्धा और शिवभक्त के रूप में दर्शाया गया है। हालांकि वह अपने अहंकार और अन्यायपूर्ण कार्यों के कारण नायक नहीं बन पाया, लेकिन उसकी कई विशेषताएं और बातें ऐसी हैं, जो उसे अद्वितीय बनाती हैं।
रावण चारों वेदों और छः शास्त्रों का ज्ञाता था। उसे ज्योतिष, आयुर्वेद, तंत्र, मंत्र, और वास्तुकला का भी गहन ज्ञान था।
“दशानन” या “दस सिर वाला” होने का प्रतीक यह था कि वह एक ही विषय पर दस दिशाओं से सोचने और निष्कर्ष निकालने की क्षमता रखता था।
रावण भगवान शिव का इतना बड़ा भक्त था कि उसने शिवलिंग को कैलाश पर्वत से उठाने का प्रयास किया। जब वह असफल रहा, तो उसने अपने प्राणों की परवाह किए बिना भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अपने सिर की बलि देने का प्रयास किया।
शिव ने प्रसन्न होकर उसे “चंद्रहास” नामक दिव्य खड्ग (तलवार) भेंट की।
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रावण के अकेले सोने के पीछे एक दिलचस्प कथा है।
जब हनुमान जी लंका में सीता माता की खोज कर रहे थे, तो उन्होंने रावण के महल में प्रवेश किया। वहां उन्होंने देखा कि रावण अकेले सो रहा था।
रावण के खर्राटे इतने तेज और असहनीय थे कि उसके साथ कोई भी सो नहीं पाता था, यहां तक कि उसकी पत्नी मंदोदरी भी। यह छोटा, लेकिन रोचक विवरण उसकी मानवता और व्यक्तिगत जीवन के पहलुओं को उजागर करता है।
रावण एक महाज्ञानी और ताकतवर राजा था, लेकिन उसका अहंकार उसकी सबसे बड़ी कमजोरी बनी।
उसने सीता का हरण कर धर्म और मर्यादा का उल्लंघन किया। वह यह समझने में असफल रहा कि सीता कोई साधारण स्त्री नहीं, बल्कि भगवान राम की शक्ति का विस्तार हैं।
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रावण को उसके अहंकार और अन्याय के कारण अपने प्राणों से हाथ धोना पड़ा।
रावण ने मृत्यु के समय भगवान राम से ऐसी बातें कही थीं, जो आज भी सभी के लिए प्रेरणादायक हैं।
उसने कहा, “हे राम! मैं शक्ति और ज्ञान में आपसे पीछे नहीं हूं, लेकिन आपके पास लक्ष्मण जैसा भाई है, जो हर परिस्थिति में आपका साथ देता है। मेरे पास ऐसा भाई नहीं था, और यही मेरी सबसे बड़ी हार है।”
उसने राम को बताया कि एक राजा को अपने अहंकार पर नियंत्रण रखना चाहिए। धर्म और न्याय का पालन करना ही सच्ची विजय का मार्ग है।
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रावण के जीवन की यह रोचक बातें हमें बताती हैं कि वह केवल एक खलनायक नहीं था, बल्कि एक ऐसा पात्र था, जिसमें गुण और अवगुण दोनों मौजूद थे। उसकी गलतियां और उसके अंतिम शब्द आज भी हमें जीवन के महत्वपूर्ण सबक सिखाते हैं।
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