इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Sankashti Chaturthi हिन्दू धर्म का एक प्रसिद्ध त्यौहार है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। भगवान गणेश को अन्य सभी देवी-देवतों में प्रथम पूजनीय माना गया है। इन्हें बुद्धि, बल और विवेक का देवता का दर्जा प्राप्त है। भगवान गणेश अपने भक्तों की सभी परेशानियों और विघ्नों को हर लेते हैं, इसीलिए इन्हें विघ्नहर्ता और संकटमोचन भी कहा जाता है। वैसे तो हिन्दू धर्म में देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए ढेरों व्रत-उपवास आदि किए जाते हैं, लेकिन भगवान गणेश के लिए किए जाने वाला संकष्टी चतुर्थी व्रत काफी प्रचल्लित है। इस बार संकष्टी चतुर्थी का व्रत 24 सितंबर को आ रहा है।
आचार्य इंद्रदास ने बताया कि संकष्टी के दिन गणपति की पूजा करने से घर से नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं और शांति बनी रहती है। ऐसा कहा जाता है कि गणेश जी घर में आ रही सारी विपदाओं को दूर करते हैं और व्यक्ति की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। चन्द्र दर्शन भी चतुर्थी के दिन बहुत शुभ माना जाता है। सूर्योदय से प्रारम्भ होने वाला यह व्रत चंद्र दर्शन के बाद संपन्न होता है। मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा और व्रत करने से जीवन के सभी दुखों से छुटकारा मिलता है। स्वयं भगवान गणेश अपने भक्तों को खुशहाल जीवन का आशीर्वाद देते हैं।
उन्होंने बताया कि गणपति में आस्था रखने वाले लोग इस दिन उपवास रखकर उन्हें प्रसन्न कर अपने मनचाहे फल की कामना करते हैं। इस दिन सूर्योदय से पहले उठ जाएं। व्रत करने वाले लोग सबसे पहले स्नान कर साफ और धुले हुए कपड़े पहन लें। इस दिन लाल रंग का वस्त्र धारण करना बेहद शुभ माना जाता है और साथ में यह भी कहा जाता है कि ऐसा करने से व्रत सफल होता है। स्नान के बाद वे गणपति की पूजा की शुरूआत करें। गणपति की पूजा करते समय जातक को मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए। सबसे पहले गणपति जी की मूर्ति को फूलों से अच्छी तरह से सजा लें। पूजा में तिल, गुड़, लड्डू, फूल ताम्बे के कलश में पानी, धूप, चन्दन, प्रसाद के तौर पर केला या नारियल रख लें। ध्यान रहे कि पूजा के समय आप देवी दुर्गा की प्रतिमा या मूर्ति भी अपने पास रखें। ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है।
गणपति जी को रोली लगाएं, फूल और जल अर्पित करें। संकष्टी को भगवान गणपति को तिल के लड्डू और मोदक का भोग लगाएं। पूजा के बाद आप फल, मूंगफली, खीर, दूध या साबूदाने को छोड़कर कुछ भी न खाएं। बहुत से लोग व्रत वाले दिन सेंधा नमक का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन सेंधा नमक नजरअंदाज करने की कोशिश करें। शाम के समय चांद के निकलने से पहले आप गणपति की पूजा करें और संकष्टी व्रत कथा का पाठ करें। पूजा समाप्त होने के बाद प्रसाद बाटें। रात को चांद देखने के बाद व्रत खोला जाता है और इस प्रकार संकष्टी चतुर्थी का व्रत पूर्ण होता है।
India News (इंडिया न्यूज),MP Saurabh Sharma News: भोपाल में पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के आवास…
ICC Champions Trophy 2025: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 नजदीक या गई है। एक तरफ तेज गेंदबाज…
India News (इंडिया न्यूज)up news: मैनपुरी में मामूली विवाद को लेकर दो पक्षों में मारपीट हो…
India News (इंडिया न्यूज),Bihar Assembly Elections 2025: दिल्ली के पास सूरजकुंड में बिहार भाजपा कोर…
India News (इंडिया न्यूज),MP NSUI Protest News: मध्यप्रदेश में जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में…
India News (इंडिया न्यूज) Rajasthan news: राजस्थान के अलवर में शहर के बीचों-बीच स्थित आरआर…