धर्म

Saubhagya Sundari Vrat: कल रखा जाएगा मार्गशीर्ष मास की सौभाग्य सुंदरी का व्रत, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसका महत्व

Saubhagya Sundari Vrat 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास की तृतीया तिथि के दिन सौभाग्य सुंदरी का व्रत रखा जाता है। बता दें कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा की जाती है। इस व्रत को करवा चौथ के बराबर ही माना जाता है। इस व्रत को करने से पति की लंबी उम्र के साथ अच्छा स्वास्थ्य मिलता है। इसके साथ ही दंपति की कुंडली में लगा मांगलिक दोष भी दूर हो जाता है। यहां जानें सौभाग्य सुंदरी व्रत की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसका महत्व।

सौभाग्य सुंदरी व्रत 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त

  • अगहन मास की तृतीया तिथि आरंभ- 10 नवबंर 2022 को शाम 6 बजकर 33 मिनट से शुरू
  • अगहन मास की तृतीया तिथि समाप्त- 11 नवंबर रात 8 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगी
  • 11 नवंबर को उदया तिथि होने की वजह से इसी दिन सौभाग्य सुंदरी व्रत रखा जाएगा।

सौभाग्य सुंदरी व्रत 2022 महत्व

मान्यता के अनुसार, सौभाग्य सुंदरी व्रत का पर्व वैवाहिक जीवन में सकारात्मकता और सौभाग्य लाने के लिए रखा जाता है। इसके साथ ही पति और पुत्रों की सुख-समृद्धि के लिए महिलाएं इस व्रत को रखती हैं। माना जाता है कि जो महिला इस व्रत को रखती हैं, उसे सुखी और सफल जीवन प्राप्त होता है। इसके साथ ही जिन अविवाहित लड़कियों की कुंडली में विवाह दोष हो, वो भी इस व्रत को करके दोष से मुक्त हो सकती है।

जो महिलाएं ‘मांगलिक दोष’ और कुंडली में प्रतिकूल ग्रहों की स्थिति से पीड़ित हैं, वो भी इस व्रत को रखकर समस्याओं से छुटकारा पा सकती है। सौभाग्य सुंदरी तीज को महिलाओं के लिए ‘अखंड वरदान’ के रूप में जाना जाता है।

सौभाग्य सुंदरी व्रत 2022 पूजा विधि

  • सौभाग्य सुंदरी के दिन सूर्योदय के समय उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करके साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर लें।
  • अब भगवान शिव और माता पार्वती का मनन करते हुए व्रत का संकल्प लें।
  • एक चौकी में लाल या पीला रंग का वस्त्र बिछाकर माता पार्वती, शिव जी और गणेश जी की तस्वीर या मूर्ति स्थापित कर दें।
  • मां पार्वती को सोलह श्रृंगार अर्पित करें। इसके साथ ही सिंदूर, रोली, फूल, माला, कुमकुम के साथ भोग लगाएं और एक पान में 2 सुपारी, 2 लौंग, 2 हरी इलाचयी, 1 बताशा और 1 रुपए रखकर चढ़ा दें।
  • भगवान शिव को भी सफेद रंग का चंदन, अक्षत, फूल, माला चढ़ाने के साथ भोग लगा दें।
  • अंत में घी का दीपक और धूप जलाकर चालीसा, मंत्रों का जाप करें।
  • मां पार्वती के इस मंत्र का जाप करें।

‘ॐ उमाये नमाः’

‘देवी देइ उमे गौरी त्राहि मांग करुणानिधे माम् अपरार्धा शानतव्य भक्ति मुक्ति प्रदा भव’

  • अंत में आरती करके भूल चूक के लिए माफी मांग लें।
  • दिनभर व्रत रखें। माना जाता है कि इस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराने से व्रत का कई गुना अधिक फल मिलता है।
Nishika Shrivastava

Recent Posts

दर्दनाक हादसा! स्कूली बच्चों की ऑटो का ट्रक से भिड़ंत, मौके पर 4 की मौत

India News Bihar (इंडिया न्यूज)Tragic accident : पटना के बिहटा डिस्ट्रिक्ट के विष्णुपुरा गांव में…

24 minutes ago

मक्का की मस्जिदों के नीचे मंदिर है?, नरसिंहानंद ने खोला ‘अरब से आए लुटेरों’ का राज, फिर बिदक जाएंगे मौलाना

हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि शाही जामा मस्जिद हरिहर मंदिर है। इसके चलते…

28 minutes ago

राजस्थान में बढ़ी कड़ाके की सर्दी, इस शहर में 5 डिग्री तक लुढ़का पारा

India News(इंडिया न्यूज), Rajasthan Weather Update: राजस्थान के लगभग सभी जिलों में कड़ाके की ठंड…

55 minutes ago

अगर दोस्त पुतिन ने फोड़ा परमाणु बम…तो भारत पर क्या होगा असर? मिट जाएगा इन देशों का नामो-निशान

दुनिया में परमाणु हथियारों की बात करें तो उस वक्त सबसे ज्यादा परमाणु हथियार रूस…

1 hour ago

यूपी में दर्दनाक हादसा तेज रफ्तार कार की हुई पेड़ से भिड़ंत, मौके पर 4 की मौत कई घायल

India News(इंडिया न्यूज),Road accident: कानपुर देहात के सहायल थाना क्षेत्र में शुक्रवार सुबह हुए दर्दनाक सड़क…

1 hour ago