India News(इंडिया न्यूज), Bhagwan Shiv: भगवान शंकर का अत्यंत प्रिय माह सावन चल रहा है, और इस पावन समय में हर भक्त भोलेनाथ की पूजा-अर्चना में तल्लीन रहता है। सावन का महीना शिवभक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है, और वे अपने आराध्य देव की आराधना के लिए बेहद उत्साहित रहते हैं। ऐसे ही भक्तों के लिए, हम आज आपको एक ऐसे प्राचीन मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी मान्यता सदियों पुरानी है और जो शिवभक्तों के लिए अत्यंत पवित्र स्थल माना जाता है।
यह पवित्र मंदिर उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में स्थित है, जो गौरीगंज जिला मुख्यालय से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां 108 शिवलिंग और पंचमुखी शिव प्रतिमा स्थापित है, जो इसे और भी दिव्य और महत्वपूर्ण बनाती है। इस अद्वितीय मंदिर में दूर-दूर से भक्त भगवान शिव के दर्शन और पूजा करने के लिए आते हैं। साथ ही, अपने परिवार की सुख-समृद्धि और शांति की कामना के लिए भक्त यहां रुद्राभिषेक और विशेष पूजा-अर्चना भी करवाते हैं।
मंदिर की मान्यता बेहद अद्भुत है। कहा जाता है कि इस पवित्र स्थल पर दर्शन और पूजा करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं, और उनकी अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है। भगवान भोलेनाथ इस स्थान पर अपने भक्तों को मनवांछित वरदान प्रदान करते हैं। मंदिर के पुजारी रुद्रकांत मिश्रा बताते हैं कि यह मंदिर प्राचीन काल से शिवभक्तों के लिए आस्था का केंद्र रहा है। यहां 108 शिवलिंग, 12 ज्योतिर्लिंग और पंचमुखी शिव प्रतिमा के साथ भगवान भोलेनाथ स्वयं मां पार्वती के साथ विराजमान होते हैं, और अपने त्रिशूल से भक्तों की रक्षा करते हैं।
इस मंदिर की महिमा इतनी अद्वितीय है कि यहां आने वाले भक्त न सिर्फ अपने जीवन के संकटों से मुक्त होते हैं, बल्कि भगवान शिव की कृपा से उन्हें अपार सुख, शांति और समृद्धि भी प्राप्त होती है। सावन माह के दौरान यहां भक्तों का तांता लगा रहता है, और यह स्थान शिवभक्ति का एक जीवंत प्रतीक बन जाता है।
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60 वर्षीय बुजुर्ग राम अक्षयबर मिश्रा बताते हैं कि मंदिरें वैसे भी शांति और सुकून के स्थान होते हैं, लेकिन इस मंदिर की बात ही कुछ अलग है। यहाँ दर्शन और पूजा करने से उन्हें विशेष शांति और संतोष की अनुभूति होती है। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में ऐसा कोई दूसरा मंदिर नहीं है, जहां भोलेनाथ के सभी रूपों के दर्शन एक साथ किए जा सकते हों। यही कारण है कि वे रोज़ाना इस पवित्र स्थान पर आकर पूजा-अर्चना करते हैं और भगवान शिव की कृपा का अनुभव करते हैं। इस मंदिर का माहौल और इसकी दिव्यता उन्हें हर बार एक नई ऊर्जा और शांति प्रदान करती है।
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