India News (इंडिया न्यूज), Sawan Somwar 2024: इंतजार के बाद आखिरकार आज से महादेव के भक्तों के लिए अपने भगवान के प्रति प्यार दिखाने का सही समय आ गया है। बता दें कि सावन का पहला सोमवार आज है।  मान्यता है कि सावन में सोमवार को जप, तप और ध्यान करने से भोलेनाथ सभी इच्छा पूरी करते हैं। ग्रंथो की मानें तो भगवान शिव चंद्रमा के नियंत्रक हैं और सोमवार का दिन चंद्र का होता है।

इसलिए जब आप आज के दिन पूजा करते हैं तो ना केवल भगवान भोलेनाथ बल्कि चन्द्रमा की कृपा होती है। ऐसे लोग जो कि स्वास्थ्य की समस्याओं से परेशान हैं विवाह में विवाह हो रहा, दरिद्रता है, अगर वो सावन के पावन माह में अगर हर सोमवार के दिन विधि पूर्वक भगवान शिव की उपासना करते हैं तो  भगवान अपने भक्त की सभी समस्याओं को दूर करते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी की सोमवार और शिव जी का गहरा नाता होने के कारण ही माता पार्वती ने भी भोलेनाथ को प्रस्न्न करने के लिए सोलह सोमवार का व्रत रखा था। सावन में सोमवार का व्रत रखने से संतान और विवाह से जुड़ी बाधाएं धूर होती हैं।

  • सावन में सोमवार की पूजा विधि जानें
  • सावन के पहले सोमवार पर करें ये खास उपाय
  • भगवान भोलेनाथ की पूजा प्रदोष काल में क्यों करनी चाहिए

सावन में सोमवार की पूजा विधि जानें (Sawan Somwar Pujan Vidhi)

अगर आप सावन के सोमवार का व्रत रखना चाहते हैं तो पूजा विधि के बारे में भी जान लेना चाहिए। आज के दिन भक्तों को सुबह उठ कर या प्रदोष काल में स्नान करना चाहिए। उसके बाद भगवान भोलेनाथ के मंदिर जाएं। मान्यता है कि भक्त को नंगे पैर घर से जाना चाहिए और जल देने वाले लोटे में जल लेकर मंदिर जाएं। उस जल को मंदिर में शिवलिंग पर अर्पित करें। इसके बाद भगवान को साष्टांग करें। अब  उस जगह खड़े होकर शिव मंत्र का 108 बार जाप कर लें। अगर आप व्रत रखते हैं तो दिन के वक्त केवल फल का सेवन करें। शाम के समय भगवान के मंत्रों का फिर से जाप करें। आरती करना ना भूलें। पारण के दिन सबसे पहले अन्न वस्त्र का दान करें। फिर व्रत का पारायण करने की परंपरा है।

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सावन के पहले सोमवार पर करें ये खास उपाय (Sawan Somvar Upay)

पूरी कोशिश करें की भगवान भोलेनाथ की पूजा प्रदोष काल में की करें। इस दिन सही समय पर शिवलिंग पर बेलपत्र और जल की धारा अर्पित करना फलदायी होता है। जल देने के बाद शिव जी के मंदिर में एक घी का दीपक जरूर जलाएं।  शिवलिंग की परिक्रमा करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान शिव जी अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ति करते हैं।

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