India News (इंडिया न्यूज़), Solar Eclipse 2024: साल 2024 में खगोल मंडल में चार ग्रहण लगेंगे, जिसमें दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण शामिल हैं। जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुजरता है, तब सूर्य ग्रहण होता है। वहीं, जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के साथ एक सीधी रेखा में आ जाता है, तब चंद्र ग्रहण होता है। साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को हुआ था। दूसरा सूर्य ग्रहण अक्टूबर 2024 में होने जा रहा है। यह घटना खगोलविदों और आम जनता के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। सूर्य ग्रहण की तारीख और प्रभाव निम्नलिखित हैं:

दूसरा सूर्य ग्रहण 2024:

तारीख: अक्टूबर 2, 2024

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, साल 2024 का दूसरा सूर्य ग्रहण अक्टूबर के महीने में लगेगा। यह सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर को होगा। हालांकि, यह भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन इसका प्रभाव कई अन्य देशों पर रहेगा।

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सूर्य ग्रहण के प्रभाव क्षेत्र

अमेरिका के उत्तरी भाग: यहाँ सूर्य ग्रहण का प्रभाव विशेष रूप से दिखाई देगा।

प्रशांत महासागर और अटलांटिक: इन महासागरों के कुछ क्षेत्रों में भी यह ग्रहण देखा जा सकेगा।

आर्कटिक: यहाँ भी यह ग्रहण प्रभावी रहेगा।

दक्षिणी अमेरिकी देश: चिली, पेरू, अर्जेंटीना, और उरुग्वे में सूर्य ग्रहण का प्रभाव देखा जा सकेगा।

अन्य देश: होनोलूलू, फ्रेंच पॉलिनेशिया, फिजी, न्यू चिली, मेक्सिको, और ब्राजील में भी यह ग्रहण नजर आएगा।

इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव मुख्य रूप से उन क्षेत्रों में रहेगा जहां यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा। भारत में यह ग्रहण नजर नहीं आएगा, इसलिए इसका कोई सीधा प्रभाव यहाँ नहीं होगा।

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वैज्ञानिक और धार्मिक दृष्टिकोण

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से: यह ग्रहण खगोलीय घटनाओं को समझने के लिए महत्वपूर्ण है। यह सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की गतियों को दर्शाता है।

धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से: कई संस्कृतियों में ग्रहण के समय विशेष धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं।

साल 2024 का दूसरा सूर्य ग्रहण खगोलशास्त्रियों और आम जनता के लिए एक महत्वपूर्ण घटना होगी, जो उन्हें ब्रह्मांड की गतियों और उनके प्रभावों को समझने में मदद करेगी।

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प्रभाव:

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से: यह एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है जो सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की गतियों को समझने में मदद करती है।

धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से: कई संस्कृतियों में, ग्रहण के समय विशेष धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं और मंदिर बंद हो जाते हैं।

इस ग्रहण के दौरान, भारत में धार्मिक अनुष्ठानों का पालन किया जा सकता है और कुछ लोग सूतक काल के दौरान विशेष ध्यान और पूजाओं का आयोजन कर सकते हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, ग्रहण के प्रभाव को समझना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पृथ्वी की गतियों और उसके प्रभावों को दर्शाता है।

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इस प्रकार, साल 2024 में खगोल मंडल में महत्वपूर्ण ग्रहणों की घटनाएं होंगी, जो वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं।

Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।