India News (इंडिया न्यूज), Shani Dev: ऐसी मान्यता है कि कर्म फल दाता शनि देव जिस पर मेहरबान होते हैं उसका जीवन संवर जाता है। वहीं जिस पर क्रोधित होते हैं उसके जीवन में केवल बर्बादी ही बर्बादी होती है। आपके ऊपर उनका कौन सा हाथ होगा यह व्यक्ति के कर्मों पर निर्भर होता है। शनि देव आपसे हमेशा प्रसन्न रहें इसके लिए आज हम आपको कुछ उपाय बताने जा रहे हैं इससे अगर आपकी नौकरी में कोई समस्या आ रही है तो वह दूर हो जाएगी।
करें यह उपाय
मान्यता है कि शनिवार शनि देव का होता है। अगर इस दिन आप तेल में अपना चेहरा देखकर शनि देव के चरणों में उसे चढ़ाएंगे तो कुंडली में लगे शनि दोष का प्रभाव आपसे कम होने लगेगा। इसके साथ ही अगर किसी व्यक्ति के कुंडली में शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है। ऐसे में लोगों को शनि देव के 108 नाम का जाप करना चाहिए। इससे बहुत जल्द असर दिखने लगता है। ऐसी मान्यता है इससे आपकी करियर, पेशा, व्यापार, धन, वैवाहिक जीवन और मानसिक तौर हो रही सारी समस्या आपसे दूर हो जाएगा।
ये हैं शनि देव के 108 नाम
- शनैश्चर
- शांत
- सर्वाभीष्टप्रदायिन्
- शरण्य
- वरेण्य
- सर्वेश
- सौम्य
- सुरवन्द्य
- सुरलोकविहारिण्
- सुखासनोपविष्ट
- सुन्दर
- घन
- घनरूप
- घनाभरणधारिण्
- घनसारविलेप
- खद्योत
- मंद
- मंदचेष्ट
- महनीयगुणात्मन्
- मर्त्यपावनपद
- महेश
- छायापुत्र
- शर्व
- शततूणीरधारिण्
- चरस्थिरस्वभाव
- अचञ्चल
- नीलवर्ण
- नित्य
- नीलाञ्जननिभ
- नीलाम्बरविभूषण
- निश्चल
- वैद्य
- विधिरूप
- विरोधाधारभूमि
- भेदास्पद स्वभाव
- वज्रदेह
- वैराग्यद
- वीर
- वीतरोगभय
- विपत्परम्परेश
- विश्ववंद्य
- गृध्नवाह
- गूढ़
- कूर्मांग
- कुरूपिण्
- तुच्छ रूप वाले
- गुणाढ्य
- गोचर
- अविद्यामूलनाश
- विद्याविद्यास्वरूपिण्
- आयुष्यकारण
- आपदुद्धर्त्र
- विष्णुभक्त
- वशिन्स्व
- विविधागमवेदिन्
- विधिस्तुत्य
- वंद्य
- विरुपाक्ष
- वरिष्ठ
- गरिष्ठ
- वज्रांगकुशध
- वरदाभयहस्त
- वामन
- ज्येष्ठापत्नीसमेत
- श्रेष्ठ
- मितभाषिण्
- कष्टौघनाशकर्त्र
- पुष्टिद
- स्तुत्य
- स्तोत्रगम्य
- भक्तिवश्य
- भानु
- भानुपुत्र
- भव्य
- पावन
- धनुर्मण्डलसंस्था
- धनदा
- धनुष्मत्
- तनुप्रकाशदेह
- तामस
- अशेषजनवंद्य
- विशेषफलदायिन्
- वशीकृतजनेश
- पशूनांपति
- खेचर
- घननीलांबर
- काठिन्यमानस
- आर्यगणस्तुत्य
- नीलच्छत्र
- नित्य
- निर्गुण
- गुणात्मन्
- निंद्य
- वंदनीय
- धीर
- दिव्यदेह
- दीनार्तिहरण
- दैन्यनाशकराय
- आर्यजनगण्य
- क्रूर
- क्रूरचेष्ट
- कामक्रोधकर
- कलत्रपुत्रशत्रुत्वकारण
- परिपोषितभक्त
- परभीतिहर
- भक्तसंघमनोऽभीष्टफलद
- निरामय
- शनि
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