होम / शनि जयंती, वट सावित्री और अमावस्या 30 मई को, जानें कौन से बन रहे शुभ योग

शनि जयंती, वट सावित्री और अमावस्या 30 मई को, जानें कौन से बन रहे शुभ योग

India News Desk • LAST UPDATED : May 26, 2022, 5:21 pm IST

इंडिया न्यूज:
कहा जाता है कि शनिदेव न्याय के देवता हैं। शनि व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। शनिदेव की कृपा पाने के लिए शनि जयंती का दिन खास माना जाता है। इस बार शनि जयंती, वट सावित्री और अमावस्या 30 मई दिन सोमवार को एक साथ मनाई जाएगी।

इस दिन की सबसे बड़ी खासियत ये है कि तिथि, वार और नक्षत्र से तीन बड़े शुभ संयोग रहेंगे। जो अखंड सौभाग्य की कामना से व्रत रखने वाली महिलाओं और शनि भक्तों के लिए मंगलकारी होंगे। इस दिन किए गए तीर्थ स्नान, दान या पवित्र नदी के जल से नहाने से कई गुना फल मिलता है। तो आइए जानते हैं क्या खासियत है इस दिन की।

तिथि-वार और नक्षत्रों का शुभ संयोग

ज्योतिष अनुसार अमावस्या का प्रवेश सर्वार्थ सिद्धि योग में होगा। चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में रहेगा और सूर्योदय के समय बुधादित्य योग इस दिन की शुभता में वृद्धिदायक रहेंगे। इस समय शनि अपनी खुद की राशि कुंभ में विराजमान हैं और बृहस्पति भी अपनी राशि में रहेगा। इन दोनों ग्रहों का स्वराशि में होना शुभ प्रभाव को और बढ़ाएगा। साथ ही सुकर्मा, वर्धमान और केदार योग में आने वाला ये पर्व और खास माना जाएगा। सोमवार होने से इस दिन सोमवती अमावस्या का शुभ योग भी रहेगा।

सुहागिनों का पर्व है वट सावित्री व्रत

वट सावित्री अमावस्या सुहागिनों के लिए खास दिन होता है। इसी दिन सावित्री ने इसी पूजा से यमदेव को प्रसन्न कर पति सत्यवान के प्राणों को वापस मांगा था। पति की लंबी उम्र और परिवार की समृद्धि के लिए अमावस्या पर महिलाएं बरगद के पेड़ पर जल चढ़ाकर उसके तने पर कच्चा धागा लपेटती हैं। फिर वट वृक्ष की पूजा करती हैं। इसके बाद सौभाग्य और समृद्धि की कामना से पेड़ की परिक्रमा करती हैं।

Shani Jayanti Vat Savitri and Amavasya on 30th May

हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !

यह भी पढ़ें : अगर गर्मियों में पीते हैं गुनगुना पानी तो जानिए क्या हैं फायदे

Connect With Us : Twitter | Facebook Youtube

Tags:

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT