India News (इंडिया न्यूज़), Sharad Purnima 2024: शरद पूर्णिमा एक महत्वपूर्ण तिथि है, जो आश्विन मास की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। शरद पूर्णिमा की रात को विशेष रूप से देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस रात देवी लक्ष्मी धरती पर विचरण करती हैं और इस दिन पूजा करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन चंद्रमा अपने पूरे स्वरूप में होता है और इसकी किरणों में विशेष औषधीय गुण होते हैं। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की किरणें अमृतमयी होती हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती हैं।
पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि बुधवार, 16 अक्टूबर को रात्रि 08:41 बजे से प्रारंभ होगी। अगले दिन गुरुवार, 17 अक्टूबर को सायं 04:53 बजे इसका समापन होगा। ऐसे में शरद पूर्णिमा का पर्व 16 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा।
पंचांग के अनुसार शरद पूर्णिमा पर चंद्रोदय शाम 5:05 बजे होगा। पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी की पूजा का शुभ मुहूर्त रात 11:42 बजे से 12:32 बजे तक रहेगा। इस समय पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी।
शरद पूर्णिमा पर बनेगा ऐसा योग, इन 3 राशियों को मिलेगी बड़ी खुश खबरी!
शरद पूर्णिमा की रात खीर बनाकर उसे चांद की रोशनी में रखने की परंपरा है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की किरणों में अमृत के समान औषधीय गुण होते हैं। इसलिए शरद पूर्णिमा की रात खीर को खुले आसमान के नीचे चांद की रोशनी में रखा जाता है, जिसके बाद इस खीर का सेवन करने की परंपरा है, जिसे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है। खीर को माता लक्ष्मी का प्रसाद भी माना जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा में खीर का भोग लगाया जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस वर्ष शरद पूर्णिमा पर खीर को चांद की रोशनी में रखने का समय रात 8:40 बजे से है।
शरद पूर्णिमा पर देवी लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन देवी लक्ष्मी, चंद्रमा और भगवान विष्णु की पूजा करने से धन, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। शरद पूर्णिमा के दिन सबसे पहले सूर्योदय के समय स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। घर में पूजा स्थल को साफ करके सजाएं। व्रत रखने का संकल्प लें। पूजा के लिए घर की उत्तर-पूर्व दिशा में या किसी खुले स्थान पर चौकी रखें और उस पर सफेद कपड़ा बिछाएं। चौकी पर देवी लक्ष्मी, भगवान विष्णु और चंद्रमा की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
पूजा सामग्री में शुद्ध जल, दूध, चावल, गंगाजल, धूप, दीप, कपूर, फूल, प्रसाद (विशेष रूप से खीर), पान, सुपारी रखें। चौकी पर रखी देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की मूर्ति को दूध, गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद फूल, चावल, धूप, दीप और कपूर जलाकर आरती करें। चंद्रमा की पूजा करें। अर्घ्य देने के लिए एक लोटे में जल, चावल और फूल डालकर चंद्रमा को अर्घ्य दें। रात को चंद्रमा की पूजा करने के बाद खीर का प्रसाद परिवार के सदस्यों में बांटें और खुद भी खाएं।
Bihar Politics: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक से पहले पार्टी नेता तेजप्रताप…
India News (इंडिया न्यूज), UP Electricity Price: उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका…
रहस्यमय बीमारी की वजह से राजौरी जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस मौतों की जांच…
India News (इंडिया न्यूज), Arvind Kejriwal Documentary: दिल्ली विधानसभा चुनाव की उत्साह के बीच अरविंद केजरीवाल…
India News (इंडिया न्यूज),Delhi Excise Policy Case: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में आम आदमी पार्टी…
Rinku Singh Priya Saroj Net Worth: प्रिया सरोज ने लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान चुनावी…