जानिए कब शुरू होगी शरद पूर्णिमा और कब तक रहेगी प्रभावी
नरेश भारद्वाज
Sharad Purnima : हिंदुओं के लिए शरद पूर्णिमा कई कारणों से महत्वपूर्ण है। सबसे पहला कारण यह है कि समुद्र मंथन के दौरान महालक्ष्मी कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही अवतरित हुई थी।
इसलिए आज महालक्ष्मी की पूजा से मनचाहा वर मिलता है। दूसरा कारण यह है कि इस दिन चंद्रदेव अपनी संपूर्ण कलाओं के साथ अपनी किरणे बिखेरते हैं। यह किरण जनमानस के लिए अमृत का काम करती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। इस साल शरद पूर्णिमा 19 अक्टूबर यानि आज मंगलवार को है। हालांकि पंचांग भेद होने के कारण कुछ जगहों पर यह पर्व 20 अक्टूबर को भी मनाया जाएगा।
( Sharad Purnima)
इस व्रत को आश्विन पूर्णिमा, कोजगारी पूर्णिमा और कौमुदी व्रत के नाम से भी जानते हैं। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। इसे अमृत काल भी कहा जाता है।
पुराणों के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी भगवान विष्णु के साथ गरूड़ पर बैठकर पृथ्वी लोक में भ्रमण के लिए आती हैं। इतना ही नहीं इस दिन मां लक्ष्मी घर-घर जाकर भक्तों पर कृपा बरसाती हैं और वरदान देती हैं। कहते हैं कि जिस घर में अंधेरा या जो सोता रहता है, वहां माता लक्ष्मी दरवाजे से ही लौट जाती हैं।
मां लक्ष्मी की कृपा से लोगों को कर्ज से मुक्ति मिलती है। यही कारण है कि इसे कर्ज मुक्ति पूर्णिमा भी कहते हैं। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन पूरी प्रकृति मां लक्ष्मी का स्वागत करती है। कहते हैं कि इस रात को देखने के लिए समस्त देवतागण भी स्वर्ग से पृथ्वी आते हैं।
एक पौराणिक कथा के अनुसार, एक साहूकार की दो बेटियां थीं। दोनों पूर्णिमा का व्रत रखती थीं। एक बार बड़ी बेटी ने पूर्णिमा का विधिवत व्रत किया, लेकिन छोटी बेटी ने व्रत छोड़ दिया। जिससे छोटी लड़की के बच्चों की जन्म लेते ही मृत्यु हो जाती थी।
एक बार साहूकार की बड़ी बेटी के पुण्य स्पर्श से छोटी लड़की का बालक जीवित हो गया। कहते हैं कि उसी दिन से यह व्रत विधिपूर्वक मनाया जाने लगा।
पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 19 अक्टूबर को शाम 07 बजे से होगा, जो कि रात 08 बजकर 20 मिनट पर समाप्त होगी। शरद पूर्णिमा के दिन पूजन चंद्रोदय के बाद किया जाता है। इस दिन पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 27 मिनट से चंद्रोदय के बाद रहेगा।
शरद पूर्णिमा के दिन महालक्ष्मी की विधिवत पूजा की जाती है। मान्यता है कि मां लक्ष्मी भक्तों की सभी परेशानियां दूर करती हैं। शरद पूर्णिमा के दिन खीर का भोग लगाकर आसमान के नीचे रखी जाती है।
Read Also : Protein For Brain इस प्रोटीन की मदद से अब दिमाग से बुरी यादें मिटाना होगा आसान
Sri Ganganagar News: श्रीगंगानगर में बीती रात सीमा सुरक्षा बल के सतर्क और सजग जवानों…
India News (इंडिया न्यूज)Singer Devi: 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती…
Benefits of Cardamom for Mens: पुरुषों में बन रहे बड़े से बड़े गुप्त रोग को…
आवामी लीग के भ्रष्टाचार से जुड़े कागजात जलाए गए! अंतरिम सरकार के सलाहकार आसिफ महमूद…
India News (इंडिया न्यूज), UP News: यूपी में अलग-अलग जिलों से दर्दनाक घटना सामने आई।…
Budget 2025: मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए केंद्र सरकार आगामी बजट 2025-26 में…