Sharadiya Navratri 2021 हमारा देश के सभी तीज-त्योहार शास्त्रों पर आधारित हैं। इनमें मां दुर्गा के नौ रूपों का वर्णन किया गया है। नवरात्र के दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। मान्यता यह है कि मां दुर्गा अपने भक्तों के हर प्रकार के कष्ट हर लेती है।
14 को नवमी, 15 को दशहरा (Sharadiya Navratri 2021)
देवज्ञ राजेंद्र भारद्वाज बताते हैं कि देवी मां के पावन 9 दिन का पर्व शारदीय नवरात्रि आश्विन मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को 7 अक्टूबर 2021 से शुरू होगा। 14 अक्टूबर तक चलने वाले इन दिनों में मां दुर्गा के स्वरूपों की पूजा की जाती है। 15 अक्टूबर को धूमधाम के साथ विजयदशमी यानी दशहरा मनाया जाएगा। इसी दिन दुर्गा विसर्जन भी किया जाएगा। शास्त्रों में मां दुर्गा के नौ रूपों का बखान किया गया है। नवरात्र के दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करने से विशेष पुण्य मिलता है। मान्यता है कि मां दुर्गा अपने भक्तों के हर कष्ट हर लेती हैं।
कौन सा है शुभ मुहूर्त (Sharadiya Navratri 2021)
देवज्ञ राजेंद्र भारद्वाज ने अवगत कराया कि नवरात्र के पहले दिन घटस्थापना के साथ नौ दिन के लिए देवी मां का पूजन शुरू होता है। घट स्थापित करने के कुछ विशेष नियम हैं, जिनका पालन करना जरूरी है। घट की स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष रूप से ध्यान रखें। सात अक्टूबर को घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह छह बजकर 17 मिनट से सुबह सात बजकर सात मिनट तक का है। इसी समय घटस्थापना करने से फल मिलता है।
कैसे की जाती है घट की स्थापना (Sharadiya Navratri 2021)
घटस्थापना या कलश स्थापना के दौरान कुछ विशेष नियमों को ध्यान में रखना चाहिए। देवज्ञ राजेंद्र भारद्वाज के अनुसार देवी मां की चौकी संजाने के लिए हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा का स्थान चुनें। इस स्थान को साफ कर लें और गंगाजल से शुद्ध करें। एक लकड़ी की चौकी रखकर उस पर लाल रंग का साफ कपड़ा बिछाकर देवी मां की मूर्ति की स्थापना करें। इसके बाद प्रथम पूज्य गणेश जी का ध्यान करें और कलश स्थापना करें।
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घट स्थापना के लिए नारियल में चुनरी लपेटें (Sharadiya Navratri 2021)
कलश स्थापना या घट स्थापना के लिए नारियल में चुनरी लपेट दें और कलश के मुख पर मौली बांधे। कलश में जल भरकर उसमें एक लौंग का जोड़ा, सुपारी हल्दी की गांठ, दूर्वा और रुपए का सिक्का डालें। अब कलश में आम के पत्ते लगाकर उस पर नारियल रखें और फिर इस कलश को दुर्गा की प्रतिमा की दार्इं ओर स्थापित करें।
(Sharadiya Navratri 2021)
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