धर्म

रामायण युद्ध के समय लंकापति के साथ खड़े हुए थे शिव, फिर भी क्यों हार गया था रावण?

India News (इंडिया न्यूज), Ramayan Mein Ravan Ki Haar: प्राचीन भारत में, लंका का राजा रावण, अपने अद्भुत बल, बुद्धि और शक्तियों के लिए प्रसिद्ध था। वह न केवल एक महान योद्धा था, बल्कि उसे ब्रह्मा और शिव का आशीर्वाद भी प्राप्त था। उसकी शक्ति और सामर्थ्य को देखकर कई लोग उससे भयभीत रहते थे। लेकिन एक दिन, उसकी अदम्य महत्वाकांक्षा और अहंकार ने उसे संकट में डाल दिया।

रावण और उसकी महत्वाकांक्षा

रावण, शिव का भक्त होने के नाते, अपनी शक्तियों पर गर्वित था। उसने भगवान राम के प्रति अनादर करते हुए सीता का अपहरण किया, जो उसके लिए सबसे बड़ी गलती साबित हुई। रावण को लगा कि उसकी शक्तियां और शिव का आशीर्वाद उसे किसी भी स्थिति में विजय दिलाएंगे।

घोर पापी होने के बावजूद भी रावण के इस एक मंत्र में बसी थी अपार शक्तियां, जिसने भी जपा एक बार खुद कुबेर ने दिया उसे आशीर्वाद,पढ़े जरूर!

युद्ध का आरंभ

जब राम ने सीता को बचाने के लिए युद्ध का निर्णय लिया, तब रावण के खिलाफ एक विशाल वानर सेना तैयार हो गई। राम की सेना में हनुमान, सुग्रीव, और अन्य वीर योद्धा शामिल थे। वहीं, लंका में रावण के पास उसके शक्तिशाली भाई कुम्भकर्ण और मेघनाद भी थे। युद्ध का मैदान सज गया, और दोनों सेनाओं के बीच भयंकर संघर्ष शुरू हुआ।

शिव का आशीर्वाद

रावण को यह विश्वास था कि भगवान शिव का आशीर्वाद उसके साथ है। उसने सोचा कि इस आशीर्वाद के बल पर वह राम की सेना को पराजित कर सकता है। परंतु, शिव का आशीर्वाद केवल उन पर निर्भर था जो धर्म के मार्ग पर चलने वाले थे। शिव ने सदैव सत्य और धर्म का समर्थन किया।

खुद रावण के ये 2 शब्द बने थे उसकी मौत का कारण, कही हुई ये बात बनी थी श्री राम का ब्रह्मास्त्र?

धर्म का विजय

जैसे-जैसे युद्ध आगे बढ़ा, रावण के घमंड और अहंकार का पर्दाफाश होने लगा। राम, जो सत्य और धर्म के अवतार थे, ने अपने कर्तव्यों को निभाने का संकल्प लिया। रावण के पास महान शक्तियां थीं, लेकिन उसकी जीत का कोई आधार नहीं था। राम ने न केवल अपनी रणनीति से बल्कि अपने समर्पण और विश्वास से युद्ध को आगे बढ़ाया।

रावण की गलती

रावण ने अपनी शक्ति का इस्तेमाल लोगों की भलाई के लिए नहीं, बल्कि अपने स्वार्थ के लिए किया। उसकी शक्ति और शिव का आशीर्वाद भी उसे तब तक सहायता नहीं कर सके जब तक कि वह अपनी गलतियों को नहीं समझता। राम ने अपने साथियों के साथ मिलकर युद्ध को धर्म और न्याय की रक्षा का माध्यम बना दिया।

न राम न रावण बल्कि इनसे भी दुगनी शक्तिशाली थी रामायण काल की ये 5 महिलाएं…इन महाशक्तियों का था दूसरा नाम?

अंततः हार

जब रावण का अहंकार बढ़ा, तो उसकी हार भी निश्चित हो गई। राम ने लक्ष्मण और हनुमान के साथ मिलकर रावण का वध किया। रावण की हार ने यह सिद्ध कर दिया कि भले ही कोई कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, यदि वह अधर्म और अहंकार में जीता है, तो उसे अंततः पराजय का सामना करना पड़ेगा।

निष्कर्ष

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि केवल शक्ति और आशीर्वाद ही नहीं, बल्कि धर्म, सत्य और नैतिकता का पालन करना भी आवश्यक है। रावण की हार एक ऐसी कहानी है, जो हमें यह याद दिलाती है कि सच्चाई और न्याय हमेशा विजय प्राप्त करते हैं।

मरते समय भी कलयुग के लिए ये भविष्यवाणी कर गया था रावण…अगर समय रहते नहीं अपनाई उसकी ये 3 सीख तो विनाश की घड़ी दूर नहीं?

Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

Prachi Jain

Recent Posts

Rape News: 9वीं की छात्रा के साथ गैंगरेप, भाई के साथ की बदमाशों ने मारपीट, मामला दर्ज

India News (इंडिया न्यूज), Rape News: राजस्थान के लाडनूं से एक दिल देहला देने वाला…

6 minutes ago

बुलडोजर ने ढहाया अतिक्रमणकारियों पर कहर , आदेश ना मानने पर बाबा ने दिखाया एक्शन मोड़

India News (इंडिया न्यूज)UP News: यूपी के आजमगढ़ में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। शहर…

7 minutes ago

‘SI भर्ती रद्द करने के लिए सरकार को कौन रोक रहा है…’ हनुमान बेनीवाल ने क्यो दिया ये बयान; जानिए वजह

India News (इंडिया न्यूज़),SI Recruitment Cancel: राजस्थान में एसआई भर्ती 2021 को रद्द करने की…

11 minutes ago

होने जा रहा है बड़े जंग का आगाज? पाकिस्तान की तरफ बढ़ रहे हैं हजारो तालिबानी लड़ाके, सदमे में आए  शहबाज शरीफ

यह विवाद तब और गहरा गया जब तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हाल ही में वजीरिस्तान…

18 minutes ago