योगी अश्वनी

‘गण’ का अर्थ है जन समूह (आम लोग) और ‘ईश’ का अर्थ है सर्वोच्च। सामान्य आदमी के लिए, भगवान गणेश सर्वोच्च देव है, जिन्हें प्रथम पूज्य के रूप में भी जाना जाता है। ये आध्यात्मिक जगत के संरक्षक है और उच्च आयामों में प्रवेश प्रदान करनेवाली प्रथम ऊर्जा भी है।

हाथी का सिर सर्वोच्च बुद्धि का प्रतीक है, मानव शरीर के साथ बड़ा पेट, नाभि पर स्थित मणिपूरक चक्र में संग्रहीत ऊर्जा का प्रतीक है। गणेश पुत्र है महादेव के, जो परम पुरुष है, और आदि शक्ति के, जो समस्त सृजन की माता है। रिद्धि (समृद्धि) और सिद्धि (आध्यात्मिक शक्तियाँ) गणपती से विवाहित है, जिससे यह संकेत मिलता है कि गणपती एसी ऊर्जा है जो सांसारिक और आध्यात्मिक वरदान प्रदान करती है, और जिससे शास्त्रों में दिए तत्वज्ञान कि पुष्टि भी हो जाती है, कि उच्च लोकों-मोक्ष या मुक्ति की प्राप्ति के लिए, सांसारिक सुखों की प्राप्ति आवश्यक है।

सनातन क्रिया में, साधक को सबसे पहले, गणपती साधना और गणपती जाप का अनुभव दिया जाता है, जिससे भू-लोक या भौतिक आयाम से परे उच्च लोकों या उच्च आयामों के द्वार खुलते है। जाप और माला गुरु से ही प्राप्त हो सकते है, जो मंत्र मे ऊर्जा प्रवाहित करते है, जिससे उसकी सिद्धि के लिए का मार्ग बनता है। ध्यान आश्रम में जो साधक विभिन्न मंत्र सिद्धियों का गंभीरता से अभ्यास कर रहे हैं, उन्होनें विभिन्न देवताओं की भौतिक अभिव्यक्ति का अनुभव किया है।
जाप करते हुए, माला फेरना महत्वपूर्ण है। जब माला घूमती है, तब मंत्र की शक्ति, माला और उसके मेरु में संचित हो जाती है। विभिन्न तांत्रिक मंत्रों का आगे कि साधना में प्रयोग है, उनका उपयोग एक विशिष्ट प्रयोजन के लिए किया जा सकता है और यह उपयोग मेरु के माध्यम से ही होता है।

गणेश चतुर्थी के दिन, भगवान गणेश की ऊर्जा का अनुभव बड़ी सरलता से किया जा सकता है। गुरु के के सानिंध्य में पवित्र भाव, शुद्ध मंत्र उच्चारण और समिधा- सामग्री सहित किए जाने वाले यज्ञ से, सूक्ष्म जगत के द्वार खुल जाते है, और मनुष्य अपनी यथार्थ क्षमता को साकार कर सकता है। इस तरह यज्ञ से प्रतिभागियों के घर तथा करमों का शुद्धिकरण होता है, जिससे इच्छाओं और विचारों की अभिव्यक्ति की प्रक्रिया में तेजी आ जाती है, जो ध्यान आश्रम में, सनातन क्रिया का अभ्यास करने वाले साधक दैनिक आधार पर अनुभव करते हैं। अगर आप भी एक प्रामाणिक वैदिक यज्ञ की शक्ति का अनुभव करना चाहते हैं, तो ध्यान आश्रम से संपर्क कर सकते हैं। योगी अश्वनी ध्यान आश्रम के मार्गदर्शक और वैदिक विज्ञान के प्रकांड ज्ञाता हैं। उनकी पुस्तक सनातन क्रिया और एज लेस डाइमेंशन आयुर्वृद्धि विरोधक के तौर पर वैज्ञानिक ग्रंथ हैं। योगी जी से इस ईमेल पते पर संपर्क किया जा सकता है: dhyanashram.ya@gmail.com