धर्म

आज भी इस मंदिर में नहीं हुआ हैं कलयुग का प्रवेश, परंपरा है कायम फोन से लेकर बिजली तक सब कुछ हैं बैन

India News (इंडिया न्यूज), Shri Tatiya Sthan Vrindavan: श्री तातिया स्थान वृंदावन एक ऐसा मंदिर है जहाँ कलयुग का प्रवेश नहीं हुआ है। यह मंदिर अपनी पुरानी परंपराओं को बनाए रखता है। यहाँ आधुनिक तकनीक जैसे फोन और बिजली पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। मंदिर में केवल दीये और अगरबत्ती की रोशनी का उपयोग होता है, जिससे वहाँ का वातावरण बहुत ही पवित्र और शांतिपूर्ण रहता है। इस मंदिर में भक्त पारंपरिक तरीके से पूजा-अर्चना करते हैं और यहाँ की शांति और श्रद्धा का अनुभव करते हैं।

श्री तातिया स्थान वृंदावन का इतिहास और विशेषताएँ बहुत ही दिलचस्प और प्रेरणादायक हैं। यहाँ कुछ प्रमुख बातें हैं:

स्थापना और इतिहास:

श्री तातिया स्थान का संबंध राधा रमण मंदिर के प्रसिद्ध संत, गोस्वामी तातिया बाबा से है। बाबा जी ने अपना पूरा जीवन भगवान कृष्ण की भक्ति में बिताया और उन्होंने इस स्थान को एक दिव्य स्थल के रूप में विकसित किया।

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आधुनिकता से दूर:

इस मंदिर में आधुनिक तकनीक का कोई स्थान नहीं है। यहाँ मोबाइल फोन, बिजली, और अन्य आधुनिक उपकरणों पर पूर्णत: प्रतिबंध है। यह परंपरा इसलिए कायम है ताकि मंदिर की पवित्रता और शांति बनी रहे।

आध्यात्मिक वातावरण:

मंदिर का वातावरण अत्यंत शांत और आध्यात्मिक है। यहाँ आने वाले भक्त पारंपरिक तरीके से पूजा-अर्चना करते हैं, जिससे उन्हें आध्यात्मिक शांति और सुख की अनुभूति होती है।

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दीये और अगरबत्ती:

मंदिर में बिजली की जगह दीयों और अगरबत्तियों का प्रयोग होता है। इससे वातावरण में एक विशेष आध्यात्मिक ऊर्जा और शांति बनी रहती है।

साधना और ध्यान:

तातिया स्थान में साधना और ध्यान के विशेष सत्र आयोजित किए जाते हैं, जहाँ भक्त ध्यान और प्रार्थना के माध्यम से अपने आध्यात्मिक जीवन को समृद्ध कर सकते हैं।

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भक्तों की मान्यता:

भक्तों का मानना है कि यहाँ आकर वे कलयुग के प्रभाव से मुक्त हो जाते हैं और उन्हें भगवान कृष्ण और राधा रानी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।

परंपरा और संस्कृति:

तातिया स्थान में राधा और कृष्ण की भक्ति की परंपरा को विशेष रूप से महत्व दिया जाता है। यहाँ की परंपराएँ और संस्कार भक्तों के जीवन में आध्यात्मिक उन्नति लाते हैं।

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यह स्थल उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जो अपने जीवन में शांति और आध्यात्मिकता की खोज में हैं और भगवान कृष्ण और राधा की भक्ति में लीन होना चाहते हैं।

Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

Prachi Jain

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