इंडिया न्यूज़: (Vikat Sankashti Chaturthi 2023, Puja Muhurat and Upay) वैशाख महीने की शुरुआत हो चुकी है। हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाएगा। इस दिन सिद्धि योग का होना व्रती के लिए शुभ फलदायी होता है। इस विशेष दिन पर भगवान गणेश के एकदंत रूप की पूजा का विधान है। बता दें कि विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत 9 अप्रैल 2023 को है। इस बार संकष्टी चतुर्थी बहुत ही खास है। इस दिन कुछ खास उपाय करने से गणपति हर विघ्न को हर लेते हैं।

विकट संकष्टि चतुर्थी 2023 तिथि और समय

वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का शुभारंभ 09 अप्रैल को सुबह 009 बजकर 35 मिनट पर होगा। इस तिथि का समापन अगले दिन 10 अप्रैल को सुबह 08 बजकर 37 मिनट पर हो जाएगा। संकष्टी चतुर्थी व्रत का पारण चंद्र देव की पूजा के बाद किया जाता है। ऐसे में ये विकट संकष्टि चतुर्थी व्रत 09 अप्रैल 2023, रविवार के दिन रखा जाएगा। इस दिन चंद्रोदय का समय रात्रि 009 बजकर 58 मिनट पर है।

विकट संकष्टि चतुर्थी 2023 उपाय

  • सिद्धि योग में गणेश जी की उपासना करने से हर कार्य में सफलता का वरदान मिलता है। विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी को दूर्वा चढ़ाएं और ‘ॐ श्रीं ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः’ की 11 माला का जाप करें। मान्यता है इससे धन-संपत्ति के मामले कार्य सिद्ध होते हैं।
  • संतान के बेहतर स्वास्थ और बौद्धिक विकास के लिए विकट संकष्टी चतुर्थी पर बप्पा को सिंदूर चढ़ाएं और फिर गणपति स्तोत्र का पाठ करें। पूजा के पश्चात गणेश को अर्पित किया सिंदूर से संतान को तिलक करें।
  • मान्यता है कि संकष्टी चतुर्थी के दिन से श्रीगणेश पंचरत्न स्रोत का पाठ करना आरंभ करना चाहिए। इसका नित्य पाठ करने से स्वंय के घर की इच्छा रखने वालों की कामना जल्द पूरी पूर्ण होती है।
  • व्यापार में शत्रु कार्यों में बाधा डाल रहें हैं तो विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन तंत्रोक्त मंत्र ‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा का 108 बार जाप करें। गौरी पुत्र की मोदक का भोग लगाएं। मान्यता है इससे शत्रु शांत होते हैं और मंद पड़ा बिजनेस तरक्की करेगा।