India News (इंडिया न्यूज), First Night After Death: मृत्यु एक रहस्यमयी और अज्ञात प्रक्रिया है जिसे लेकर मानव सभ्यता में सदियों से गहन चिंतन और चर्चा होती रही है। विभिन्न धर्मों, पौराणिक कथाओं और आध्यात्मिक विचारों के अनुसार, मृत्यु के समय आत्मा (रूह) का शरीर से अलग होना एक गूढ़ और महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। आइए, इसे विभिन्न दृष्टिकोणों से समझने की कोशिश करें:
हिंदू धर्म के अनुसार, आत्मा अविनाशी है और यह शरीर को मात्र एक वाहन के रूप में उपयोग करती है। जब मृत्यु का समय आता है, तो आत्मा शरीर को त्याग कर आगे के जीवन (पुनर्जन्म) की ओर प्रस्थान करती है। भगवद गीता में श्रीकृष्ण कहते हैं कि आत्मा शरीर बदलती है, जैसे हम पुराने वस्त्रों को बदलते हैं। मृत्यु के समय आत्मा धीरे-धीरे शरीर से बाहर निकलती है, और यह प्रक्रिया यमदूतों या देवदूतों की सहायता से होती है। आत्मा का यात्रा इस बात पर निर्भर करती है कि व्यक्ति ने अपने जीवनकाल में कौन से कर्म किए हैं और उसकी आध्यात्मिक प्रगति कितनी है।
इस्लाम के अनुसार, मृत्यु के समय आत्मा को शरीर से निकालने का काम अल्लाह के फरिश्तों का होता है। फरिश्ते रूह को ले जाते हैं और उसे उसके कर्मों के आधार पर अल्लाह के सामने प्रस्तुत करते हैं। यदि व्यक्ति ने अच्छे कर्म किए हैं, तो उसकी आत्मा को शांति और आराम मिलता है, जबकि बुरे कर्म करने वालों की आत्मा को कठिनाई और पीड़ा से गुजरना पड़ता है। इस्लामिक दृष्टिकोण से आत्मा की यह यात्रा अखिरत (परलोक) तक जारी रहती है, जहां उसके कर्मों के अनुसार फैसला होगा।
ईसाई धर्म में मृत्यु के समय आत्मा को ईश्वर के पास वापस ले जाया जाता है। इसे अंतिम निर्णय (जजमेंट डे) तक प्रतीक्षा करनी होती है, जब ईश्वर सभी आत्माओं का पुनरुत्थान करेंगे और उनके कर्मों के आधार पर उन्हें स्वर्ग या नरक में भेजा जाएगा। आत्मा शाश्वत मानी जाती है और इसका अस्तित्व मृत्यु के बाद भी बना रहता है।
आधुनिक विज्ञान के पास अभी तक आत्मा के अस्तित्व को प्रमाणित करने का कोई ठोस आधार नहीं है। हालांकि, कुछ वैज्ञानिक और शोधकर्ता “मृत्यु के निकट अनुभव” (Near Death Experiences) पर अध्ययन कर रहे हैं। इन अनुभवों में कई लोग दावा करते हैं कि उन्होंने मृत्यु के क्षण में एक प्रकाश देखा या किसी अदृश्य शक्ति को महसूस किया। लेकिन यह केवल आध्यात्मिक और मनोवैज्ञानिक अनुभव माने जाते हैं।
मृत्यु के समय, शरीर की सभी शारीरिक प्रक्रियाएं धीरे-धीरे बंद होने लगती हैं। दिल की धड़कन, सांस, और मस्तिष्क की गतिविधि समाप्त हो जाती है। जैसे ही शरीर निष्क्रिय होता है, कई धर्मों में माना जाता है कि आत्मा एक अदृश्य यात्रा पर निकल जाती है, जो उसे एक नए जीवन या परलोक की ओर ले जाती है।
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मृत्यु के समय आत्मा का शरीर से अलग होना एक रहस्यमयी और आध्यात्मिक घटना मानी जाती है। विभिन्न धर्मों और मान्यताओं में इस प्रक्रिया को अलग-अलग तरीकों से समझाया गया है, लेकिन सभी में यह माना जाता है कि आत्मा अमर है और मृत्यु मात्र एक परिवर्तन है। आत्मा की यह यात्रा कर्मों और जीवन की दिशा पर आधारित होती है, और इसका अंतिम लक्ष्य मोक्ष, स्वर्ग, या पुनर्जन्म हो सकता है।
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