Categories: धर्म

20 सितंबर से श्राद्ध शुरू, करें ये उपाय, घर परिवार में आयेगी सुख, शांति व समृद्धि

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:

पितरों की आत्मा की शांति एवं तृप्ति के लिए पितृ पक्ष में श्राद्ध करने का प्रावधान है। श्राद्ध करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में सुख शांति बनी रहती है। हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। इसमें हिंदू अपने पूर्वजों एवं पितरों की आत्मा कि तृप्ति के लिए तर्पण और श्राद्ध करते हैं। इससे पितर बहुत प्रसन्न होते हैं तथा आशीर्वाद प्रदान करते हैं, जिससे घर परिवार में कभी किसी चीज की कमी नहीं होती है।
पंचांग के अनुसार पितृ पक्ष हर साल भाद्रपद मास की पूर्णिमा से शुरू होकर आश्विन मास की अमावस्या तक रहता है। 16 दिनों तक चलने वाले इस पितृ पक्ष में लोग अपने पितरों का स्मरण करते हैं और उनकी आत्म की तृप्ति के लिए तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध कर्म आदि करते हैं। पितरों की आत्म तृप्ति से व्यक्तियों पर पितृ दोष नहीं लगता है। परिवार की उन्नति होती है। पितरों के आशीर्वाद से वंश में वृद्धि होती है। इस साल श्राद्ध 20 सितंबर से शुरू हो रहे हैं और 6 अक्टूबर को खत्म होंगे। मान्यता है इस दौरान पिंडदान, तर्पण कर्म और ब्राह्मण को भोजन कराने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं।

श्राद्ध सूची 2021 :

पूर्णिमा का श्राद्ध 20 सितंबर 2021
प्रतिपदा का श्राद्ध 21 सितंबर 2021
द्वितीया का श्राद्ध 22 सितंबर 2021
तृतीया का श्राद्ध 23 सितंबर 2021
चतुर्थी का श्राद्ध 24 सितंबर 2021
पंचमी का श्राद्ध 25 सितंबर 2021
षष्ठी का श्राद्ध 26 सितंबर 2021
सप्तमी का श्राद्ध 27 सितंबर 2021
अष्टमी का श्राद्ध 28 सितंबर 2021
नवमी का श्राद्ध 29 सितंबर 2021
दशमी का श्राद्ध 30 सितंबर 2021
एकादशी का श्राद्ध 01 अक्टूबर 2021
द्वादशी का श्राद्ध 02 अक्टूबर 2021
त्रयोदशी का श्राद्ध 03 अक्टूबर 2021
चतुर्दशी का श्राद्ध 04 अक्टूबर 2021
सर्वपितृ श्राद्ध 05 अक्टूबर 2021

पितृ पक्ष में करें ये उपाय

पितृ पक्ष में श्राद्ध कर्म को बहुत ही अच्छे तरीके एवं विधि-विधान से करना चाहिए. इन दिनों हनुमान चालीसा का पाठ नियमित करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से घर परिवार में कभी कोई संकट नहीं आता।
पितृ पक्ष में प्रतिदिन नियमित रूप से पवित्र नदी में स्नान करके पितरों के नाम पर तर्पण करना चाहिए उसके बाद दान-पुण्य करना चाहिए। साथ ही गरीबों या जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री दान करनी चाहिए।
मान्यता है कि तिल की उत्पत्ति भगवान विष्णु के पसीने से हुई है। इसलिए पितृ पक्ष में काले तिल और चावल के श्राद्ध करने पर पितरों की आत्मा को संतुष्टि मिलती है। धार्मिक मान्यता है कि चावल से बने पिंड से पितर लंबे समय तक संतुष्ट रहते हैं।
पितृ पक्ष के दौरान कोओं और चीटियों को रोज खाना डालना चाहिए। मान्यता है कि हमारे पूर्वज कौवों के रूप में धरती पर आते हैं। इस दौरान केसर और चंदन का टीका लगाना चाहिए।
पितृ पक्ष के पहले दिन से स्नान करने के बाद पितरों को जौ, काला तिल और एक लाल फूल डालकर दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके जल अर्पित करना चाहिए। इससे पितृ दोष दूर होता है।

Mukta

Sub-Editor at India News, 7 years work experience in punjab kesari as a sub editor, I love my work and like to work honestly

Recent Posts

Pushpa 2 : पुष्पा 2 का पटना में जमकर विरोध, हिन्दू सगठनों ने जलाई अल्लू अर्जुन की तस्वीर; जानें वजह

India News Bihar(इंडिया न्यूज),Pushpa 2 : बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में 17…

28 seconds ago

Shivpuri: खाद के लिए परेशान किसानों ने किया चक्काजाम, कालाबाजारी के लगाए आरोप

India News (इंडिया न्यूज),Shivpuri: BJP विधायक के गृह ग्राम में खाद के लिए परेशान किसानों…

10 mins ago

Pappu Yadav Threat: ‘बर्थडे से पहले मार देंगे’, पप्पू यादव के तो पीछे ही पड़ गया लॉरेंस बिश्नोई, अब पाकिस्तान से आया फोन

India News Bihar(इंडिया न्यूज),Pappu Yadav Threat: पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव को जान से मारने…

24 mins ago