धर्म

कौन थे काक भुशुण्डी? जिन्होंने पहले पाया शिव से श्राप फिर ऋषियों को भी किया घोर अपमान, फिर भी कहलाए इतने बड़े राम भक्त

India News (इंडिया न्यूज), Story Of Kakbhushundi: रामचरितमानस के उत्तरकाण्ड में एक दिलचस्प पात्र काकभुशुण्डि का उल्लेख मिलता है, जो भगवान शिव के श्राप से कौआ बन गए थे। काकभुशुण्डि का जीवन की कहानी एक अद्भुत कथा है, जिसमें भक्ति, गुरु के प्रति अपमान, और भगवान शिव के दिए गए श्राप का गहरा संबंध है। आइए, जानते हैं इस महान राम भक्त के बारे में विस्तार से।

देवताओं का अपमान करने के बाद मिला श्राप

काकभुशुण्डि का पहला जन्म अयोध्या में हुआ था, जहां वह भगवान शिव के भक्त थे। किंतु, घमंड और अहंकार के कारण उन्होंने अन्य देवताओं का अपमान किया और गुरु का भी अपमान किया। इसी कारण भगवान शिव ने उन्हें एक बड़ा श्राप दिया। भगवान शिव ने उन्हें कहा कि वह कई योनियों में जन्म लेंगे, और अंत में वे कौआ बन जाएंगे। हालांकि, काकभुशुण्डि ने अपनी गलती स्वीकार की और ब्राह्मण के रूप में फिर से जन्म लिया।

‘यह अच्छी बात है…’, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने मौलाना बरेलवी का किया समर्थन, जानें पूरा मामला?

लोमश ऋषि से मिला राम मंत्र

काकभुशुण्डि के जीवन में महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब वह लोमश ऋषि से ज्ञान प्राप्त करने गए। उनके तर्क-वितर्क से ऋषि कुपित हुए और उन्होंने काकभुशुण्डि को चाण्डाल पक्षी, यानी कौआ बनने का श्राप दिया। हालांकि, श्राप देने के बाद ऋषि को पछतावा हुआ और उन्होंने काकभुशुण्डि को राम मंत्र दिया, जिससे उनका जीवन बदल गया। राम मंत्र मिलने के बाद काकभुशुण्डि के मन में श्रीराम के प्रति भक्ति की ज्वाला जागी, और वह उसी कौआ के रूप में भगवान राम के भक्त के रूप में प्रसिद्ध हो गए। काकभुशुण्डि ने जीवन के अंत में अपने ज्ञान और भक्ति के द्वारा ना केवल अपने पापों का प्रायश्चित किया, बल्कि उन्हें इच्छामृत्यु का वरदान भी मिला। उनके जीवन की यह कथा इस बात को सिद्ध करती है कि सच्ची भक्ति और श्रद्धा से कोई भी व्यक्ति अपने पापों को धोकर, जीवन को उन्नति की ओर मोड़ सकता है।

काकभुशुण्डि रामायण के अनुयायियों के लिए एक प्रेरणा

काकभुशुण्डि की कथा हमें यह सिखाती है कि किसी भी व्यक्ति को घमंड और अहंकार से बचना चाहिए, और हमेशा गुरु और भगवान के प्रति श्रद्धा रखनी चाहिए। साथ ही, यह भी बताती है कि जब मनुष्य सच्चे मन से भक्ति करता है, तो उसे भगवान का आशीर्वाद और मुक्ति मिलती है। काकभुशुण्डि के जीवन की यह कथा रामायण के अनुयायियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है, जो यह दर्शाती है कि जीवन में आस्था और भक्ति सबसे महत्वपूर्ण हैं, और भगवान की कृपा से हर कोई मुक्ति प्राप्त कर सकता है।

क्या आपके भी दांतों को खा गए है कीड़ें? आज ही करें ये घरेलू उपाय, फिर से आ जायेंगे सारे दांत और दर्द में भी मिलेगा आराम!

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

Yogita Tyagi

Recent Posts

हिमाचल में ऑनलाइन मिलेंगे ग्रामीण क्षेत्रों के उत्पाद, CM खविंदर सिंह सुक्खू..

India News (इंडिया न्यूज) Himachal News: हिमाचल प्रदेश के प्राकृतिक और ग्रामीण क्षेत्रों में मिलने…

27 seconds ago

धौलपुर में विवाहिता की संदिग्ध मौत,ससुराल पक्ष पर हत्या का आरोप, मायकेवालों ने लगाई न्याय की गुहार

India News(इंडिया न्यूज)Rajasthan News: धौलपुर जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र के भैसेना गांव में एक…

3 minutes ago

महाकुम्भ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए जारी हो रहे 6 रंग के ई-पास

India News (इंडिया न्यूज),MahaKumbh 2025: महाकुम्भ में श्रद्धालुओं की सुविधा, सुगम व्यवस्था और सुरक्षा के लिए…

7 minutes ago

गुलाब के फूल से गांधीगिरी: हेलमेट के महत्व पर जोर, SP ने सड़क सुरक्षा का दिया संदेश

India News (इंडिया न्यूज) Rajasthan News: जिले में परिवहन विभाग और पुलिस द्वारा चलाए जा…

9 minutes ago

दुनिया के सिर्फ 6 देशों के पास है पनडुब्बी, कौन है सबसे ज्यादा शक्तिशाली? कितना है भारत में दम?

केवल छह देश हैं जिनके पास परमाणु पनडुब्बियां हैं। ये पनडुब्बियाँ परमाणु रिएक्टरों द्वारा संचालित होती…

10 minutes ago

UP में बिजली चोरी पर मचा हंगामा…ऐसे बचकर निकले कर्मी, जानें पूरा मामला

India News (इंडिया न्यूज)UP News:  राजधानी लखनऊ में शुक्रवार तड़के बिजली चोरी के खिलाफ चेकिंग अभियान…

14 minutes ago