India News (इंडिया न्यूज), How To Grand Welcome in Yamaloka As Describe in Garud Puran: व्यक्ति अपने जीवन में कई प्रकार के कर्म करता है, जिसमें कुछ अच्छे कर्म होते हैं तो कुछ बुरे। गरुड़ पुराण मुख्य रूप से मृत्यु और उसके बाद की स्थिति पर आधारित ग्रंथ है, जिसमें नरक, स्वर्ग, रहस्य, नीति, धर्म और ज्ञान आदि के बारे में बताया है। इसमें यह भी बताया गया है कि किस कर्म के कारण व्यक्ति को मृत्यु के बाद कैसा फल मिलता है।
ये लोग होते हैं सम्मान के हकदार
- ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करने वाले लोग तपस्वी या साधु होते हैं।
- ज्ञान और वैराग्य के मार्ग पर चलने वाले लोग।
- इसके साथ ही जो लोग पत्थर और सोने में अंतर नहीं करते। यानी उनके लिए सबसे कीमती चीज और साधारण चीज एक समान होती है।
- जो लोग भगवान शिव और भगवान श्री हरि के लिए व्रत रखते हैं और अपने सभी कर्म ब्रह्मा को समर्पित करते हैं।
- जिन लोगों पर देवताओं, पितरों और ऋषियों का कोई ऋण नहीं है और जो पितरों का श्राद्ध करते हैं।
- जो लोग बुरी संगत से दूर रहते हैं।
इस तरह किया जाता है इनका स्वागत
गरुण पुराण में बताया गया है कि जो लोग इन सभी नियमों का पालन करते हैं, उन्हें पश्चिमी द्वार से यमलोक में प्रवेश मिलता है। यह द्वार मुख्य रूप से सिद्ध योगियों, तपस्वियों, ऋषियों और संतों के लिए है। गंधर्व, अप्सराएं और देवता इन पुण्यात्माओं का स्वागत करने के लिए इस द्वार पर खड़े होते हैं। चित्रगुप्त जी उनका स्वागत करते हैं। अपने कर्मों के आधार पर इन लोगों का यमलोक में देवताओं की तरह स्वागत किया जाता है।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।