India News (इंडिया न्यूज), Swaminarayan Akshardham: दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर, भारत में नहीं बल्कि अमेरिका के न्यू जर्सी में स्थित है। यह मंदिर, न्यूयॉर्क सिटी के पास, स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर के नाम से जाना जाता है। इसकी भव्यता और वास्तुकला इसे दिल्ली के प्रसिद्ध अक्षरधाम मंदिर के समान बनाती है। आइए, इस मंदिर के कुछ रोचक तथ्यों पर नजर डालते हैं।

मंदिर का उद्घाटन

स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर का उद्घाटन 8 अक्टूबर 2022 को हुआ था। यह मंदिर 191 फुट ऊंचा है और यहां स्वामीनारायण जी की पूजा होती है।

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निर्माण में विशेष पत्थरों का उपयोग

इस मंदिर के निर्माण में विशेष रूप से 7 देशों से लाए गए पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है, जिनमें बुल्गारिया, इटली, यूनान, तुर्की और भारत शामिल हैं। इसकी वास्तुकला न केवल भारतीय संस्कृति का प्रतीक है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय सहयोग का भी उदाहरण प्रस्तुत करती है।

ब्रह्मकुंड की विशेषता

मंदिर में स्थित ब्रह्मकुंड या बावड़ी में दुनियाभर की 400 अलग-अलग नदियों और झीलों का पानी शामिल है, जिसमें भारत की गंगा और यमुना का भी जल है। यह स्थान भक्तों के लिए ध्यान और स्नान का केंद्र बना हुआ है।

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भगवान स्वामीनारायण का परिचय

भगवान स्वामीनारायण, जिन्हें घनश्याम पांडे के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म 1781 में अयोध्या के पास छपिया गांव में हुआ था। ज्योतिषियों ने भविष्यवाणी की थी कि यह बालक दुनियाभर के लोगों को सही दिशा दिखाने का कार्य करेगा। उन्होंने 8 साल की उम्र में जनेऊ संस्कार किया और 11 साल की उम्र में सभी शास्त्रों का अध्ययन किया। माता-पिता के देहांत के बाद उन्होंने संन्यास लेने का निर्णय लिया और कई देशों का भ्रमण किया। अंततः गुजरात में उन्होंने कई अनुयायियों को आकर्षित किया और कुरीतियों के खिलाफ कार्य किया, जिसके बाद उन्हें पुरुषोत्म नारायण के नाम से भी जाना जाने लगा।

निष्कर्ष

स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक धरोहर भी है जो विश्वभर के हिंदू समुदाय को जोड़ती है। यह मंदिर भारतीय संस्कृति, इतिहास और भक्ति का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है। आज, यह न्यू जर्सी में बसे हिंदू समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बन चुका है, जहां श्रद्धालु आकर ध्यान और पूजा करते हैं। इस प्रकार, स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर एक ऐसा स्थान है, जहां भारतीय संस्कृति और श्रद्धा का अद्वितीय संगम देखने को मिलता है।

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