India News (इंडिया न्यूज), The World’s First Hindu: दुनिया के पहले इंसान के बारे में विभिन्न धर्मों और मान्यताओं में अलग-अलग विचार हैं। हिंदू धर्म, इस्लाम और ईसाई धर्म में इस बारे में विभिन्न दृष्टिकोण हैं, जो अपने-अपने धार्मिक ग्रंथों और कथाओं से जुड़े हुए हैं।

हिंदू धर्म (सनातन धर्म)

हिंदू धर्म के अनुसार, सबसे पहला इंसान स्वयंभू मनु (Svayambhu Manu) और उनकी पत्नी मां शतरूपा को माना जाता है। पुराणों और संस्कृत साहित्य के अनुसार, भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि के निर्माण के समय मनु और शतरूपा की रचना की थी और इन्हें पृथ्वी पर भेजा था ताकि मानव जीवन की शुरुआत हो सके। मनु और शतरूपा से ही मानवता की शुरुआत मानी जाती है।

मनु का नाम मनुस्मृति के रचनाकार के रूप में भी प्रसिद्ध है, जिसे सनातन धर्म का पहला ग्रंथ माना जाता है। इस ग्रंथ में समाज, कानून, धर्म और आचार-व्यवहार के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है। मनु और शतरूपा ने लगभग 90 हजार साल पहले पृथ्वी पर धर्म की स्थापना की थी, और इस कारण मनुष्य जाति के लिए उन्हें पहले मानव के रूप में पूजा जाता है।

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इस्लाम

इस्लाम धर्म के अनुसार, पहले इंसान का नाम आदम (Adam) था। कुरान के अनुसार, भगवान (अल्लाह) ने आदम को अपनी सर्वश्रेष्ठ रचना के रूप में पृथ्वी पर भेजा। आदम और उसकी पत्नी हव्वा (Eve) को स्वर्ग से पृथ्वी पर भेजा गया था, जब वे स्वर्ग में रहते हुए एक भूल कर बैठे थे। इस्लाम में आदम को नबी (Prophet) और मानवता के पहले इंसान के रूप में माना जाता है।

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ईसाई धर्म

ईसाई धर्म में भी आदम (Adam) और हव्वा (Eve) को पहले इंसान माना गया है। बाइबिल के अनुसार, ईश्वर ने आदम को अपनी छवि में रचा और हव्वा को आदम से ही उत्पन्न किया। दोनों को पहली बार ईश्वर ने स्वर्ग में रहने के लिए बनाया था, लेकिन बाद में उन्होंने पाप किया और उन्हें स्वर्ग से पृथ्वी पर भेजा गया। आदम और हव्वा को पहले मानव के रूप में देखा जाता है और उनके माध्यम से मानवता की शुरुआत मानी जाती है।

विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों में दुनिया के पहले इंसान को लेकर भिन्न-भिन्न मान्यताएं हैं। हिंदू धर्म में मनु को पहले इंसान के रूप में माना जाता है, जबकि इस्लाम और ईसाई धर्म में आदम को पहला इंसान माना जाता है। यह विश्वास धार्मिक दृष्टिकोण पर निर्भर करता है, और प्रत्येक धर्म अपनी विशेष कथा और विश्वास के अनुसार इस सवाल का उत्तर प्रदान करता है।

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