India News (इंडिया न्यूज), Mahabharat Ke Baad Ghati Ghatnayein: महाभारत का युद्ध, जो धर्म और अधर्म के बीच एक महान संघर्ष के रूप में जाना जाता है, समाप्त होने के बाद कई महत्वपूर्ण घटनाएँ घटीं। इस लेख में हम उन घटनाओं और उनके महत्व को विस्तार से समझेंगे, जो इस ऐतिहासिक कालखंड के बाद घटित हुईं।
1. श्री कृष्ण का धरती से प्रस्थान और कलयुग की शुरुआत
महाभारत युद्ध के समाप्त होने के बाद, श्री कृष्ण ने धरती से प्रस्थान किया और कलयुग की शुरुआत हुई। श्री कृष्ण, जिन्होंने इस महान युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, ने यथासमय अपने दिव्य कार्यों को पूरा किया और धरती से चले गए। उनके प्रस्थान ने एक नए युग की शुरुआत का संकेत दिया, जिसे कलयुग कहा जाता है।
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2. पांडवों का शासन और श्री कृष्ण का शासन
महाभारत के युद्ध के बाद, पांडवों ने हस्तिनापुर की राजगद्दी पर लगभग 35 से 36 वर्षों तक शासन किया। यह अवधि उनके शासन का एक महत्वपूर्ण काल था, जिसमें उन्होंने राज्य के सामाजिक और राजनीतिक जीवन को नया दिशा दिया।
साथ ही, श्री कृष्ण ने द्वारका में लगभग उतने ही वर्षों तक शासन किया। द्वारका, श्री कृष्ण का स्वर्गीय नगर, उनकी दिव्यता और उनके नेतृत्व का प्रतीक था। श्री कृष्ण का यह शासनकाल भी धर्म, न्याय, और समृद्धि से भरा हुआ था।
3. श्री कृष्ण की आयु और पांडवों का त्याग
भागवत पुराण के अनुसार, जब श्री कृष्ण ने धरती को छोड़ा, तो उनकी आयु 125 वर्ष थी। उनके पृथ्वी से प्रस्थान के समय, पांडवों ने भी धरती छोड़ने का विचार किया। यह उनके लिए एक भावनात्मक और धार्मिक निर्णय था, जो श्री कृष्ण की अनुपस्थिति में उनके कर्तव्यों और जीवन के उद्देश्य को पुनः परिभाषित करने के संदर्भ में था।
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4. गांधारी का श्राप और उसकी महत्ता
महाभारत के युद्ध के पश्चात, गांधारी, जो कौरवों की माता थीं, श्री कृष्ण से अत्यंत क्रोधित हो गईं। उन्हें यह आभास था कि श्री कृष्ण को युद्ध में कौरवों के विनाश के बारे में पूर्वज्ञान था। गांधारी के क्रोध में आकर, उन्होंने श्री कृष्ण को एक श्राप दिया। उनका श्राप था कि जिस तरह उनके कुल का विनाश हुआ, उसी प्रकार श्री कृष्ण के कुल का भी विनाश होगा।
गांधारी का यह श्राप धार्मिक और दार्शनिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह मानव कर्तव्य और भाग्य के विषय में गहरी शिक्षाएँ प्रदान करता है। यह भी दर्शाता है कि कैसे धार्मिक और व्यक्तिगत क्रोध, धर्म और अधर्म के अंतर्गत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।