India News(इंडिया न्यूज), Rahu-Ketu Symtoms: राहु और केतु को वैदिक ज्योतिष में छायाग्रह (छाया ग्रह) माना जाता है और इन्हें अक्सर अप्रत्याशित घटनाओं और धोखे का कारण माना जाता है। अगर किसी की कुंडली में राहु और केतु की स्थिति अशुभ है, तो यह अचानक धोखा और नुकसान का संकेत हो सकता है। यहाँ कुछ लक्षण और उपाय बताए जा रहे हैं:
लक्षण
आकस्मिक नुकसान:
अचानक धन हानि, जैसे व्यापार में घाटा, चोरी, या निवेश में नुकसान।
स्वास्थ्य समस्याओं का अचानक प्रकट होना।
मनोवैज्ञानिक समस्याएं:
मानसिक तनाव, चिंता, और भ्रम की स्थिति।
अवसाद या मानसिक अस्थिरता।
संबंधों में समस्याएं:
करीबी संबंधों में गलतफहमी और विवाद।
दोस्तों या परिवार के सदस्यों से धोखा मिलना।
विचित्र घटनाएं:
अजीब और अनजाने डर का अनुभव।
असामान्य या दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं का होना।
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उपाय
राहु और केतु के मंत्र का जाप:
राहु मंत्र: “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः”
केतु मंत्र: “ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः”
नियमित रूप से इन मंत्रों का जाप करना फायदेमंद हो सकता है।
रुद्राक्ष पहनना:
राहु के प्रभाव को कम करने के लिए आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
केतु के प्रभाव को कम करने के लिए नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
दान और सेवा:
राहु को शांत करने के लिए नीले रंग के कपड़े, काले तिल, सरसों का तेल, और काले कंबल का दान करें।
केतु को शांत करने के लिए कुत्तों को खाना खिलाएं, गरीबों को कंबल और सफेद तिल का दान करें।
विशेष पूजा और यज्ञ:
राहु और केतु की शांति के लिए विशेष पूजा और यज्ञ करवाएं। इसके लिए किसी योग्य पंडित से परामर्श करें।
सामाजिक सेवा:
राहु और केतु की कृपा प्राप्त करने के लिए सामाजिक सेवा करें, जैसे कि अनाथालय में दान देना या गरीबों की सहायता करना।
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इन उपायों को नियमित रूप से अपनाकर आप राहु और केतु के नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकते हैं और जीवन में आने वाले धोखे और नुकसान से बच सकते हैं। ज्योतिषी की सलाह लेना और अपने कुंडली के अनुसार उपाय करना सबसे अच्छा रहेगा।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।