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खत्म होने की कगार पर आ चुका है ये धर्म…भविष्य में नाम तक भी नही पहचानेगा कोई?

Prachi Jain • LAST UPDATED : September 10, 2024, 4:06 pm IST
खत्म होने की कगार पर आ चुका है ये धर्म…भविष्य में नाम तक भी नही पहचानेगा कोई?

Zoroastrian & Yazidi Religion: इन धर्मों की घटती आबादी और विभिन्न संकटों को देखकर यह स्पष्ट है कि कुछ धर्मों के अस्तित्व पर गंभीर संकट मंडरा रहा है।

India News (इंडिया न्यूज़), Zoroastrian & Yazidi Religion: वक्त-वक्त पर हमें अपडेट्स मिलती रहती हैं कि भविष्य में विभिन्न धर्मों की आबादी किस दिशा में बढ़ेगी या घटेगी। प्यू रिसर्च के अनुसार, मुसलमानों की जनसंख्या 2030 तक 2.2 बिलियन और 2050 तक 2.8 बिलियन तक पहुँच जाएगी। वर्तमान में, ईसाई धर्म को मानने वालों की आबादी सबसे अधिक है, इसके बाद इस्लाम और फिर हिंदू धर्म का स्थान है। हालांकि, इस लेख में हम उन धर्मों की चर्चा करेंगे जो समाप्त होने की कगार पर हैं और जिनकी घटती आबादी एक गंभीर चिंता का विषय है।

विश्व के प्रमुख धर्मों की वर्तमान स्थिति

वर्तमान में, ईसाई धर्म को मानने वालों की संख्या 2.63 बिलियन है, जो विश्व की सबसे बड़ी धार्मिक आबादी है। इसके बाद मुसलमानों की संख्या 1.907 बिलियन है, जो दुनिया की कुल आबादी का लगभग 24.9% है। हिंदू धर्म को मानने वालों की संख्या 1.152 बिलियन है, जो विश्व की कुल आबादी का 15.1% है। हिंदू धर्म के अनुयायी मुख्यतः भारत, नेपाल, और बांग्लादेश में निवास करते हैं।

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संकट में धर्म: पारसी और यजीदी धर्म

1. पारसी धर्म

पारसी धर्म, जो प्राचीन (Zoroastrian) धर्म का एक शाखा है, वर्तमान में गंभीर संकट का सामना कर रहा है। भारत में 1941 में पारसी धर्म को मानने वालों की संख्या 1,14,000 थी, लेकिन अब यह संख्या घटकर लगभग 50,000 हो गई है। 2001 से 2011 के बीच, पारसी समुदाय की आबादी 69,601 से घटकर 57,264 रह गई। मुंबई में पारसी समुदाय का मुख्य केंद्र है, लेकिन यहाँ हर साल 750 पारसियों की मौत होती है जबकि केवल 150 बच्चे ही जन्म लेते हैं। वर्तमान में पूरी दुनिया में पारसी समुदाय की जनसंख्या 1 से 2 लाख के बीच है, और पाकिस्तान में इसकी संख्या लगभग 1,000 है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि यदि इस परिदृश्य में सुधार नहीं हुआ, तो 2050 तक पारसी समुदाय की आबादी केवल 40,000 रह जाएगी, और भविष्य में इस धर्म का अस्तित्व संकट में पड़ सकता है।

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2. यजीदी धर्म

यजीदी धर्म एक कुर्दिश धार्मिक अल्पसंख्यक धर्म है, जो मुख्यतः उत्तरी इराक, दक्षिणपूर्वी तुर्की, उत्तरी सीरिया, और ईरान के कुछ हिस्सों में निवास करता है। इस धर्म को मानने वालों की संख्या वर्तमान में 2 लाख से 8 लाख के बीच है। यजीदी समुदाय ने आतंकवादी संगठनों, विशेषकर इस्लामिक स्टेट (IS), के अत्याचारों का सामना किया है। IS ने यजीदी पुरुषों का बड़े पैमाने पर कत्ल किया और महिलाओं को अमानवीय यातनाएँ दीं। इसके परिणामस्वरूप, यजीदी समुदाय के लोग विभिन्न देशों में शरण लेने के लिए मजबूर हो गए हैं। यूरोप में लगभग 1,20,000 यजीदी शरणार्थी हैं, और ऑस्ट्रेलिया में 2016 तक 700 यजीदी निवास करते थे। इस स्थिति के चलते यजीदी धर्म पर भी खतरा मंडरा रहा है और इसके अस्तित्व को लेकर चिंता बढ़ रही है।

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निष्कर्ष

इन धर्मों की घटती आबादी और विभिन्न संकटों को देखकर यह स्पष्ट है कि कुछ धर्मों के अस्तित्व पर गंभीर संकट मंडरा रहा है। पारसी और यजीदी धर्म जैसे धर्मों को संरक्षित करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। धर्म और संस्कृति की रक्षा करना न केवल धार्मिक अल्पसंख्यकों की जिम्मेदारी है, बल्कि यह पूरी मानवता की जिम्मेदारी भी है। समय पर उठाए गए उपाय ही इन धर्मों को संकट से बाहर निकाल सकते हैं और उन्हें जीवित रख सकते हैं।

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