India News (इंडिया न्यूज़), Yudhishthir A Big Devotee Of Ganesha: गणेश जी को विघ्नहर्ता और सिद्धिविनायक कहा जाता है, और इसलिए किसी भी शुभ काम की शुरुआत उनके नाम से होती है। आज भी ज्यादातर घरों में यह परंपरा है कि किसी भी महत्वपूर्ण काम की शुरुआत करने से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि महाभारत के युद्ध में पांडवों ने भी गणेश जी की पूजा की थी?

धर्मराज युधिष्ठिर की भक्ति

महाभारत के युद्ध के ठीक पहले, पांडवों की विजय की कामना करते हुए उन्होंने भगवान गणेश की पूजा की। भगवान श्रीकृष्ण, जो कि पांडवों के सखा और मार्गदर्शक थे, ने उन्हें यह निर्देश दिया कि विजय की प्राप्ति के लिए गणेश जी की विधिवत पूजा करनी चाहिए। हालांकि पांडवों में सभी ने गणेश जी की पूजा की, सबसे बड़े भाई धर्मराज युधिष्ठिर की गणेश जी के प्रति गहरी श्रद्धा थी।

अगर गणपति पूजा में बप्पा को नहीं चढ़ाई ये चीज तो कभी सफल नहीं होगी पूजा…विष्णु-ब्रह्मा से हैं गहरा सम्बन्ध?

सिद्धिविनायक की पूजा

धर्मराज युधिष्ठिर ने गणेश जी की पूजा को अत्यंत विधिपूर्वक किया, और बाकी पांडव भाइयों ने भी सिद्धिविनायक से विजय का आशीर्वाद मांगा। पांडवों ने गणेश जी की पूजा के दौरान सभी धार्मिक विधियों का पालन किया और इस पूजा को पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ अंजाम दिया।

गणेश जी की प्रसन्नता और विजय का आशीर्वाद

गणेश जी, पांडवों की पूजा से अत्यंत प्रसन्न हुए और उन्होंने उन्हें युद्ध में विजय और यश का आशीर्वाद दिया। यह पूजा पांडवों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई, जिसने उनके आत्मविश्वास को और भी बढ़ाया।

नगर निगम की अनोखी पहल….कान्हा गौशाला के गोबर से बनीं गणेश प्रतिमाएं,1500 रुपए में हो रही है बिक्री!

भगवान कृष्ण का मार्गदर्शन

इतिहास गवाह है कि पांडवों के पास श्रीकृष्ण जैसे सक्षम मार्गदर्शक थे, फिर भी खुद भगवान कृष्ण ने युद्ध शुरू होने से पहले गणेश जी की पूजा का निर्देश दिया था। यह दर्शाता है कि भगवान कृष्ण ने भी गणेश जी की पूजा के महत्व को समझा और इसे विजय के लिए अनिवार्य मानते थे।

निष्कर्ष

महाभारत के युद्ध में गणेश जी की पूजा पांडवों के विजय के रास्ते को खोलने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गणेश जी की विधिवत पूजा करने के बाद पांडवों को विजय का आशीर्वाद मिला, और यह कहानी आज भी यह सिखाती है कि किसी भी बड़े काम की शुरुआत से पहले भगवान गणेश की पूजा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। गणेश जी की इस पूजा ने पांडवों को युद्ध में विजय दिलाई और यह हमें याद दिलाता है कि हर कार्य में भगवान गणेश की आशीर्वाद की आवश्यकता होती है।

कर्ण का वध करने के लिए श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कही थी ऐसी बात कि…महान योद्धा होकर भी डगमगा उठे थे अर्जुन कदम!

Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।