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पितरों को विदा करने के लिए पीपल के पेड़ से जुड़े करें ये खास उपाय, संतुष्ट होकर लौटेंगे पितृ

Nishika Shrivastava • LAST UPDATED : October 1, 2024, 8:50 pm IST
पितरों को विदा करने के लिए पीपल के पेड़ से जुड़े करें ये खास उपाय, संतुष्ट होकर लौटेंगे पितृ

Sarva Pitru Amavasya 2024

India News (इंडिया न्यूज़), Sarva Pitru Amavasya 2024: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष (Pitra Paksh) की शुरुआत भाद्रपद मास की पूर्णिमा से मानी जाती है, जो आश्विन मास की अमावस्या को समाप्त होती है। आश्विन मास की अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन पितर पितृलोक लौट जाते हैं। ऐसे में अगर आप इस दिन कुछ खास काम करते हैं तो पितर संतुष्ट होकर लौटते हैं।

जानें सर्वपितृ अमावस्या का मुहूर्त

आश्विन मास की अमावस्या तिथि 01 अक्टूबर 2024 को रात 09:39 बजे शुरू हो रही है। वहीं, अमावस्या तिथि 03 अक्टूबर को दोपहर 12:18 बजे समाप्त होने जा रही है। ऐसे में सर्वपितृ अमावस्या 02 अक्टूबर, बुधवार को मनाई जाएगी। इस दिन शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहने वाला है-

कुतुप मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक

रौहिण मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से 01 बजकर 21 मिनट तक

अपराह्न काल- दोपहर 01 बजकर 21 मिनट से दोपहर 03 बजकर 43 मिनट तक

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सर्वपितृ अमावस्या पर करें ये काम

सर्वपितृ अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें। अगर ऐसा संभव ना हो तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। इसके साथ ही पितरों के लिए तर्पण और पिंडदान भी करें। पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन गाय, कुत्ते, कौए और चींटियों के लिए भोजन जरूर निकालें। साथ ही ब्राह्मणों को भोजन कराएं और अपनी क्षमता के अनुसार दान-दक्षिणा देकर विदा करें।

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पीपल के पेड़ से जुड़े सर्वपितृ अमावस्या पर करें ये उपाय

सर्वपितृ अमावस्या पर पीपल के पेड़ की पूजा करना शुभ माना जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस पेड़ में पूर्वजों का वास होता है। पीपल के पेड़ की सात परिक्रमा करें और पेड़ के नीचे काले तिल के साथ सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इसके साथ ही आप इस दिन किसी मंदिर के बाहर पीपल का पेड़ भी लगा सकते हैं। ध्यान रखें कि पीपल का पौधा कभी भी घर के अंदर नहीं लगाना चाहिए। आप इस दिन पितरों के नाम पर तुलसी का पौधा भी लगा सकते हैं।

 

 

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