धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को समस्त पापों से मुक्ति मिलती है और वह मोक्ष की प्राप्ति करता है। हालांकि, इस दिन कुछ विशेष नियमों और सावधानियों का पालन करना आवश्यक होता है ताकि व्रत का पूर्ण फल मिल सके।
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परिवर्तिनी एकादशी के दिन की जाने वाली सावधानियाँ
- तुलसी को न छुएं: इस दिन तुलसी माता श्रीहरि के लिए उपवास रखती हैं, इसलिए उन्हें छूना या जल अर्पित करना वर्जित माना गया है। तुलसी को स्पर्श करने से बचना चाहिए और अगले दिन पुनः तुलसी की पूजा की जा सकती है।
- पूरी रात जागरण और आराधना करें: एकादशी की रात को सोने के बजाय भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना करना विशेष लाभकारी माना जाता है। इस दिन जागरण करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है और शुभ फल मिलता है।
- बाल और नाखून न कटवाएं: एकादशी के दिन बाल और नाखून कटवाने से भी बचना चाहिए। यह दिन पूर्णत: पवित्रता और स्वच्छता का दिन होता है, इसलिए किसी भी प्रकार का शरीरिक अपवित्र कार्य करने से बचना चाहिए।
- क्रोध से बचें: इस दिन व्रतधारी को क्रोध, ईर्ष्या और अहंकार जैसी नकारात्मक भावनाओं से दूर रहना चाहिए। संयम और शांति का पालन करते हुए दिन भर भक्ति में लीन रहना चाहिए।
- तामसिक भोजन से परहेज: एकादशी के दिन तामसिक भोजन (मांस, मछली, अंडे, प्याज, लहसुन आदि) का सेवन वर्जित है। इस दिन सात्विक भोजन ग्रहण करें और व्रत में फलाहार या केवल जल का सेवन करें। प्याज और लहसुन का सेवन भी एकादशी के दिन निषेध माना गया है।
- चावल का सेवन न करें: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के दिन चावल का सेवन भी वर्जित है। इसका मुख्य कारण यह है कि चावल को धरती से जोड़कर देखा जाता है, और एकादशी के दिन इस धरती के उपहारों को ग्रहण करना अनुचित माना जाता है।
- काले रंग के वस्त्र न पहनें: एकादशी के दिन काले रंग के वस्त्र धारण करना नकारात्मकता का प्रतीक माना गया है। धार्मिक दृष्टिकोण से काले रंग को अशुभ और नकारात्मक ऊर्जा से जुड़ा माना जाता है। इसलिए इस दिन सफेद, पीले या अन्य शुभ रंग के वस्त्र पहनने की सलाह दी जाती है।
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परिवर्तिनी एकादशी का महत्त्व और पूजा विधि:
इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है। व्रतधारी को प्रातः काल स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करने चाहिए और भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए उन्हें पंचामृत, पुष्प, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करना चाहिए। भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें और पूरी श्रद्धा से व्रत का पालन करें। रात को जागरण करना और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
निष्कर्ष:
परिवर्तिनी एकादशी का व्रत जीवन में सुख, शांति और मोक्ष की प्राप्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके नियमों और सावधानियों का पालन कर भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त की जा सकती है।
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