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November 2022 Vrat Tyohar: इस दिन मनाई जाएगी तुलसी विवाह, देव दीपावली, कार्तिक पूर्णिमा, जानें नवंबर के पूरे व्रत-त्योहार

Nishika Shrivastava • LAST UPDATED : October 31, 2022, 4:10 pm IST

November 2022 Vrat Tyohar Calender: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के साथ नवंबर महीने की शुरुआत हो रही है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, नवंबर महीना 11वां माह माना जाता है। इस महाने में कईं बड़े व्रत-त्योहार पड़ रहे हैं। बता दें कि इस साल नवंबर महीने की शुरुआत मां दुर्गा को समर्पित दुर्गाष्टमी के साथ हो रही है। वहीं, इस मास का समापन चंपा षष्ठी जैसे पर्व के साथ हो रहा है।

इस महीने में दुर्गा अष्टमी के अलावा देवउठनी एकादशी, चातुर्मास का समापन, तुलसी विवाह, शनि प्रदोष व्रत, बैकुंठ चतुर्दशी, तुलसी विवाह, देव दीपावली, कार्तिक पूर्णिमा, चंद्र ग्रहण, मासिक शिवरात्रि, मार्गशीर्ष अमावस्या, विवाह पंचमी जैसे बड़े व्रत त्योहार पड़ रहें हैं। यहां जानें हिंदू पंचांग के अनुसार, नवंबर महीने में पड़ने वाले सभी व्रत-त्योहारों की तिथि सही लिस्ट।

नवंबर 2022 के व्रत और त्योहार

01 नवंबर 2022, मंगलवार- गोपाष्टमी, मासिक दुर्गाष्टमी

02 नवंबर 2022, बुधवार: अक्षय कूष्माण्ड नवमी, अक्षय नवमी, आंवला नवमी

03 नवंबर, गुरुवार: कंस वध

04 नवंबर, शुक्रवार: देवउठनी एकादशी, देव प्रबोधिनी एकादशी, चातुर्मास का समापन

05 नवंबर, शनिवार: तुलसी विवाह, शनि प्रदोष व्रत,

06 नवंबर, रविवार: बैकुंठ चतुर्दशी

07 नवंबर, सोमवार: देव दीपावली

08 नवंबर, मंगलवार: चंद्र ग्रहण, कार्तिक पूर्णिमा, गुरु नानक जयंती, पुष्कर स्नान

11 नवंबर, शुक्रवार: सौभाग्य सुंदरी व्रत

12 नवंबर, शनिवार: गणाधिप संकष्टी चतुर्थी

16 नवंबर, बुधवार: काल भैरव जयंती, वृश्चिक संक्रांति

20 नवंबर, रविवार: उत्पन्ना एकादशी

21 नवंबर, सोमवार: सोम प्रदोष व्रत

22 नवंबर, मंगलवार: मार्गशीर्ष की मासिक शिवरात्रि

23 नवंबर, बुधवार: मार्गशीर्ष अमावस्या

27 नवंबर, रविवार: विनायक चतुर्थी

28 नवंबर, सोमवार: विवाह पंचमी

29 नवंबर, मंगलवार: चंपा षष्ठी

इस दिन है चातुर्मास 2022 समापन

आपको बता दें कि चातुर्मास 10 जुलाई से शुरू हुआ था। इस दौरान भगवान विष्णु पूरे चार मास के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं। इसके साथ ही सृष्टि के संचार का कार्य भगवान शिव को दे जाते हैं। माना जाता है कि चातुर्मास के दौरान पूजा पाठ, दान-स्नान आदि करने का विशेष महत्व है। 4 माह तक चलने वाला चातुर्मास देवउठनी एकादशी के साथ समाप्त हो जाता है। इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु जाग जाते हैं।

 

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