India News (इंडिया न्यूज), Vastu Tips: हमारे घर का हर कोना और हर हिस्सा केवल ईंटों और पत्थरों का निर्माण नहीं होता, बल्कि उसमें ऊर्जा का संचार भी होता है। वास्तु शास्त्र, जो कि ऊर्जा के प्रवाह और संतुलन को समझने का विज्ञान है, हमें बताता है कि घर के विभिन्न स्थानों का उपयोग किस प्रकार करना चाहिए। इनमें से एक महत्वपूर्ण स्थान है घर की दहलीज, जिसे चौखट या देहरी भी कहा जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि दहलीज पर बैठना अशुभ माना जाता है? आइए, इसे विस्तार से समझते हैं।

वास्तु शास्त्र में दहलीज का महत्व

घर का प्रवेश द्वार वह स्थान होता है जहां बाहरी और आंतरिक ऊर्जा का मिलन होता है। यह वह बिंदु है जहां से सकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश करती है और नकारात्मक ऊर्जा बाहर जाती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की दहलीज पर बैठने से इस ऊर्जा के प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है, जिससे नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं।

कमल की तरह खिल जाएगी जिंदगी, तुरंत ही मिलने लगेगी सफलता, प्रेमानंद महाराज ने बताया ऐसा सीक्रेट, आज ही जपने शुरू कर देंगे ये 4 मंत्र

दहलीज पर बैठने के अशुभ प्रभाव

  1. नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव:
    दहलीज पर बैठने से ऊर्जा का संतुलन बिगड़ता है। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ सकता है, जो परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य और मनोबल पर बुरा असर डाल सकता है।
  2. धन हानि:
    वास्तु शास्त्र के अनुसार, दहलीज पर बैठने से लक्ष्मी घर में प्रवेश नहीं करती। यह स्थिति धन की कमी और आर्थिक समस्याओं को जन्म दे सकती है।
  3. पारिवारिक कलह:
    घर में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए ऊर्जा का संतुलन आवश्यक है। दहलीज पर बैठने से पारिवारिक कलह और विवाद बढ़ सकते हैं।
  4. जीवन में रुकावटें:
    दहलीज पर बैठने से जीवन में बार-बार समस्याएं और संघर्ष उत्पन्न हो सकते हैं। यह व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों क्षेत्रों में बाधाएं पैदा कर सकता है।

जिनके एक आशीर्वाद से चमक जाते है किस्मत के सितारे उन किन्नरों के देवता के बारे में क्या जानते है आप? रूह कपा देगा पूरा सच!

शाम के समय दहलीज पर बैठने का विशेष महत्व

वास्तु शास्त्र के अनुसार, शाम के समय दहलीज पर बैठना विशेष रूप से अशुभ होता है। ऐसा माना जाता है कि शाम के समय देवी लक्ष्मी का आगमन होता है। यदि इस समय दहलीज पर बैठा जाए, तो लक्ष्मी घर में प्रवेश नहीं करतीं, जिससे धन और समृद्धि का अभाव हो सकता है।

दहलीज पर मेहमान का स्वागत या विदाई क्यों नहीं करनी चाहिए?

वास्तु शास्त्र में यह भी कहा गया है कि दहलीज पर मेहमान का स्वागत या विदाई नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से घर की सकारात्मक ऊर्जा बाधित होती है और अशुभ प्रभाव पड़ता है। मेहमानों को घर के अंदर या बाहर किसी और स्थान पर स्वागत और विदाई देना चाहिए।

क्या लड़कियों को भी लगता है पितरों का श्राप? नर्क से बदतर हो जाएगा जीवन, जानिए क्या है इसके पीछे का गहरा रहस्य

वास्तु शास्त्र के अनुसार उपाय

  1. दहलीज को स्वच्छ और पवित्र रखें:
    दहलीज पर गंदगी या अव्यवस्था न होने दें। इसे नियमित रूप से साफ करें और इसे पवित्र बनाए रखने के लिए समय-समय पर गंगाजल का छिड़काव करें।
  2. दहलीज पर बैठने से बचें:
    परिवार के सदस्यों और मेहमानों को भी समझाएं कि दहलीज पर बैठना अशुभ है। इसके लिए दहलीज के पास आरामदायक बैठने की व्यवस्था करें।
  3. तुलसी का पौधा लगाएं:
    घर के मुख्य द्वार के पास तुलसी का पौधा लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है।

वास्तु शास्त्र में घर की दहलीज को अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान माना गया है। इस पर बैठने से ऊर्जा का प्रवाह बाधित होता है, जिससे नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आर्थिक समस्याओं, पारिवारिक कलह और अन्य जीवन संघर्षों से बचने के लिए दहलीज पर बैठने से हमेशा बचें। साथ ही, दहलीज को स्वच्छ और पवित्र बनाए रखें ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहे और समृद्धि का वास हो।

घर के इन स्थानों पर रखकर देखें सेंधा नमक, ऐसा पलटेगा वास्तु कि खींच-खींच कर लाएगा पैसा