India News (इंडिया न्यूज),Vijaya Ekadashi 2024 Date: हिंदू धर्म में सभी तिथियों में से एकादशी तिथि को महत्वपूर्ण माना जाता है। हर माह की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा और व्रत करने की परंपरा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ऐसा करने से व्यक्ति को भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहा जाता है। विजया एकादशी का व्रत सूर्योदय से शुरू होकर अगले दिन द्वादशी तिथि को सूर्योदय के बाद समाप्त होता है। आइए आपको विजया एकादशी व्रत की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व के बारे में बताते हैं।

विजया एकादशी शुभ मुहूर्त (Vijaya ekadashi 2024 date)

हर एकदशी तिथि की तरह विजया एकदशी का व्रत भी भगवान विष्णु को समर्पित है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी कहा जाता है। पंचांग के अनुसार विजया एकादशी तिथि 06 मार्च को सुबह 06:30 बजे शुरू होगी और अगले दिन यानी 7 मार्च को सुबह 04:13 बजे तिथि समाप्त होगी. ऐसे में विजया एकादशी व्रत 6 फरवरी को है और इस दिन एकादशी व्रत रखा जाएगा.

विजया एकादशी पूजा विधि

  • विजया एकादशी तिथि पर सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
  • भगवान विष्णु को पीला रंग बहुत प्रिय है इसलिए इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनें।
  • इसके बाद एक लकड़ी की चौकी पर पीला या लाल कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें।
  • बाल गोपाल की पूजा करें और श्रीहरि का अभिषेक करें। – अब सूर्य देव को जल अर्पित करें।
  • अब पंचोपचार करें और भगवान विष्णु की पूजा करें. उन्हें पीले रंग के फल, फूल और मिठाइयाँ अवश्य अर्पित करें।
  • गोपी चंदन का तिलक लगाएं. इसके बाद दीपक जलाकर आरती करें और विष्णु चालीसा का पाठ करें।
  • पूजा के दौरान क्रीं कृष्णाय नम: और ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का जाप करें।
  • इसके बाद भगवान से जीवन में सुख-शांति की प्रार्थना करें।
  • अंत में भगवान को फल, मिठाई और खीर का भोग लगाएं।
  • प्रसाद में तुलसी दल अवश्य शामिल करें और प्रसाद लोगों में बांटें।

विजया एकादशी व्रत का महत्व

धार्मिक मान्यता के अनुसार, विजया एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। शास्त्रों में बताया गया है कि लंका पर विजय पाने के लिए भगवान राम ने बकदाल्भ्य मुनि की सलाह पर समुद्र तट पर इस एकादशी का व्रत किया था, जिसके फलस्वरूप उन्होंने रावण पर विजय प्राप्त की। साथ ही इस व्रत को करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

विजया एकादशी व्रत के लाभ

फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहा जाता है। जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, यह एकादशी शत्रुओं पर विजय दिलाती है। विजया एकादशी का उल्लेख त्रेतायुग में भी मिलता है। ऐसा माना जाता है कि रावण पर विजय प्राप्त करने से पहले भगवान श्री राम ने सबसे पहले विजया एकादशी का व्रत रखा था। वहीं द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को इसका महत्व बताया था जिसके परिणामस्वरूप पांडवों ने महाभारत का युद्ध जीता था। इसके अलावा इस दिन व्रत रखने के कई फायदे भी हैं। कहा जाता है कि इससे व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और उसके जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

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