India News (इंडिया न्यूज), Vijayadashami 2023: आज पूरे देश में विजयादशमी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष शारदीय नवरात्रि के समापन के अगले दिन विजय दशमी का त्योहार आता है। इस बार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि यानी 24 अक्तूबर 2023 को है। दुर्गा पूजा के 10वें दिन मनाई जाने वाली विजयादशमी असत्य, अंहकार,अत्याचार और बुराई पर सत्य, धर्म और अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है। वहीं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीराम ने अधर्म,अत्याचार और अन्याय के प्रतीक के रुप में रावण का वध किया था। विजयादशमी के इस पर्व को अबूझ मुहूर्त माना गया है यानी इस पर्व पर बिना शुभ मुहूर्त देखे सभी तरह के शुभ कार्य किए जा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं आज का शुभ मुहूर्त
वहीं धनिष्ठा नक्षत्र अपराह्न 03 बजकर 28 मिनट तक के उपरांत शतभिषा नक्षत्र का आरंभ। गण्ड योग अपराह्न 03 बजकर 39 मिनट तक उपरांत वृद्धि योग का आरंभ होगा। गर करण अपराह्न 03 बजकर 15 मिनट तक उपरांत विष्टि करण का आरंभ रहेगा। चन्द्रमा दिन रात कुंभ राशि पर संचार करेगा।
सूर्योदय और सूर्यास्त
- सूर्योदय का समय 24 अक्टूबर 2023 – सुबह 6 बजकर 28 मिनट पर।
- सूर्यास्त का समय 24 अक्टूबर 2023 – शाम में 5 बजकर 42 मिनट पर।
आज का शुभ मुहूर्त
आज के शुभ मुहूर्त की बात करें तो, ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 45 मिनट से लेकर 5 बजकर 36 मिनट तक रहेगा। विजय मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 58 मिनट से लेकर दोपहर में 2 बजकर 43 मिनट तक। निशिथ काल मध्यरात्रि 11 बजकर 40 मिनट से लेकर 12 बजकर 31 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम में 5 बजकर 43 मिनट से 6 बजकर 9 मिनट तक रहेगा। अमृत काल सुबह 6 बजकर 28 मिनट से लेकर 7 बजकर 52 मिनट तक होगा।
विजयादशमी के खान-पान का महत्व
विजयादशमी पर पान जरुर खाना इसे विजय का सूचक माना जाता है। आज दशहरा के दिन रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद दहन के पश्चात पान का बीणा खाना सत्य की जीत की ख़ुशी को भी व्यक्त करता है। इस दिन हनुमानजी को मीठी बूंदी का भोग लगाने के बाद उन्हें पान अर्पित करके उनका आशीर्वाद लेने का महत्त्व होता है।
नीलकंठ पक्षी का दर्शन करना शुभ
आज दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी को भगवान शिव का प्रतीक माना गया है। आज नीलकंठ का दर्शन और भगवान शिव से शुभफल की कामना करने से जीवन में भाग्योदय, धन-धान्य एवं सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। वहीं पौराणिक मान्यताओं के अनुसार लंकापति रावण पर विजय पाने की कामना से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने पहले नीलकंठ पक्षी के दर्शन किए थे।
उपाय – आज दशहरे पर शमी के पेड़ के नीचे दिया जलाना चाहिए ।
ये भी पढ़े:
- Navaratri 2023: नवरात्रि पर क्या है कन्या पूजन का शुभ योग, जानें महत्व और लाभ
- Aaj Ka Rashifal: आज जातकों का धर्म कार्यों में लगेगा मन, स्वास्थ्य पर रखें विशेष ध्यान, जानें राशिफल