India News (इंडिया न्यूज), Morning Mantra: यह माना जाता है कि अगर आपके दिन की शुरुआत सकारात्मकता और ऊर्जा से भरपूर हो, तो पूरा दिन सफल और सुखद रहता है। सुबह के समय किए गए कार्यों का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए, दिन की शुरुआत भगवान को स्मरण करने, मंत्रों का जाप करने, स्नान और पूजा-ध्यान के बाद कार्यों को आरंभ करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। आइए जानते हैं प्रातःकाल में किए जाने वाले कुछ प्रमुख मंत्रों और उनकी महिमा के बारे में।
मंत्र: प्रातः स्मरामि गणनाथमनाथबन्धुं
सिन्दूरपूरपरिशोभितगण्डयुग्मम्।
उद्दण्डविघ्नपरिखण्डनचण्डदण्ड-
माखण्डलादिसुरनायकवृन्दवन्द्यम्॥
Morning Mantra: प्रातः सुबह उठकर करें इन 7 सबसे शक्तिशाली मंत्रों का जाप तिजोरी में सदैव बना रहेगा मां लक्ष्मी का आशीर्वाद
अर्थ: अनाथों के बन्धु, सिन्दूर से शोभायमान दोनों गण्डस्थल वाले, प्रबल विघ्नों का नाश करने वाले, और इन्द्रादि देवताओं द्वारा पूजित श्री गणेश का प्रातः स्मरण करें।
मंत्र: प्रातः स्मरामि भवभीतिमहार्तिनाशं
नारायणं गरुडवाहनमब्जनाभम्।
ग्राहाभिभूतवरवारणमुक्तिहेतुं
चक्रायुधं तरुणवारिजपत्रनेत्रम्॥
अर्थ: संसार के भयरूपी दुःखों को समाप्त करने वाले, ग्राह से गजराज को मुक्त करने वाले, चक्रधारी और कमल के समान नेत्र वाले भगवान नारायण का प्रातः स्मरण करें।
मंत्र: प्रातः स्मरामि भवभीतिहरं सुरेशं
गङ्गाधरं वृषभवाहनमम्बिकेशम्।
खट्वाङ्गशूलवरदाभयहस्तमीशं
संसाररोगहरमौषधमद्वितीयम्॥
अर्थ: संसार के भय को नष्ट करने वाले, गंगा धारण करने वाले, नंदी पर सवार, पार्वतीपति, और त्रिशूलधारी भगवान शिव का प्रातः स्मरण करें।
मंत्र: प्रातः स्मरामि शरदिन्दुक रोज्ज्वलाभां
सद्रत्नवन्मकरकुण्डलहारभूषाम्।
दिव्यायुधोर्जितसुनीलसहस्त्रहस्तां
रक्तोत्पलाभचरणां भवर्ती परेशाम्॥
अर्थ: शरत्कालीन चन्द्रमा के समान उज्ज्वल आभा वाली, दिव्य आयुधों से सुशोभित, हजारों हाथों वाली, और कमल समान चरणों वाली देवी दुर्गा का प्रातः स्मरण करें।
मंत्र: प्रातः स्मरामि खलु तत्सवितुर्वरेण्यं
रूपं हि मण्डलमृचोऽथ तनुर्यजूंषि।
सामानि यस्य किरणाः प्रभवादिहेतुं
ब्रह्माहरात्मकमलक्ष्यमचिन्त्यरूपम्॥
अर्थ: सूर्य देव का वह रूप, जिसका मण्डल ऋग्वेद, कलेवर यजुर्वेद, और किरणें सामवेद हैं, अचिन्त्य और अलक्ष्य स्वरूप का प्रातः स्मरण करें।
मंत्र: ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी
भानुः शशी भूमिसुतो बुधश्च।
गुरुश्च शुक्रः शनिराहुकेतवः
कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्॥
अर्थ: ब्रह्मा, विष्णु, शिव, सूर्य, चन्द्रमा, मङ्गल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, राहु, और केतु मेरे प्रातःकाल को मंगलमय करें।
मंत्र: पृथ्वी सगन्धा सरसास्तथापः
स्पर्शी च वायुर्ज्वलितं च तेजः।
नभः सशब्दं महता सहैव
कुर्वन्तु सर्वे मम सुप्रभातम्॥
अर्थ: गन्धयुक्त पृथ्वी, रसयुक्त जल, स्पर्शयुक्त वायु, प्रज्वलित तेज, और शब्दयुक्त आकाश मेरे प्रातःकाल को मंगलमय करें।
उपर्युक्त श्लोकों का भक्तिपूर्वक पाठ, स्मरण, या श्रवण करने से न केवल दुःस्वप्न समाप्त होते हैं, बल्कि दिन शुभ और मंगलमय होता है। भगवद् कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और हर प्रकार की दरिद्रता समाप्त हो जाती है।
इन मंत्रों का नियमित स्मरण करने से व्यक्ति को मानसिक शांति, आध्यात्मिक शक्ति, और जीवन में सफलता प्राप्त होती है। आप भी अपने दिन की शुरुआत इन पवित्र श्लोकों के साथ करें और अपने जीवन को सुखमय बनाएं।
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