India News (इंडिया न्यूज), Karna Story of Mahabharata: कर्ण द्वारा अपने रथ का पहिया निकालने की घटना महाभारत के सबसे महत्वपूर्ण और मार्मिक क्षणों में से एक है। कुरुक्षेत्र के युद्ध में जब कर्ण और अर्जुन के बीच भीषण युद्ध चल रहा था, तब कर्ण के रथ का पहिया जमीन में धंस गया और तब कर्ण रथ से उतरकर उस पहिये को निकालने लगे। इस स्थिति में भी कर्ण ने नया रथ नहीं चलाया। रथ से पहिया निकालने पर कर्ण की क्या हालत हुई, क्या वह डर गया था, आइए जानते हैं।
जब कर्ण और अर्जुन के बीच युद्ध चल रहा था, उस समय तक अर्जुन ने दुर्योधन के लगभग सभी योद्धाओं को हरा दिया था और उसके 2000 सैनिकों को मार डाला था। उस समय कर्ण ही एकमात्र ऐसा था जो लगातार अर्जुन से युद्ध कर रहा था। जब अर्जुन ने कर्ण को मारने के लिए रुद्रास्त्र का आह्वान किया, उसी क्षण कर्ण का रथ जमीन में धंस गया और अर्जुन ने रुद्रास्त्र का प्रयोग नहीं किया। कर्ण ने अर्जुन से कुछ देर के लिए युद्ध रोकने का अनुरोध किया और वह रथ से उतरकर रथ का पहिया उठाने का प्रयास करने लगा। कथाओं के अनुसार तब तक कर्ण को यह अहसास हो चुका था कि वह अर्जुन के प्रहार से नहीं बच पाएगा।
श्राप के कारण कर्ण ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करना भी भूल गया था। कर्ण डरा हुआ नहीं था बल्कि घायल था और कहीं न कहीं वह रथ का पहिया निकालने के लिए उत्सुकता नहीं दिखा रहा था क्योंकि उसे यह अहसास हो गया था कि उसकी मृत्यु निकट है। उस समय कर्ण की मनःस्थिति बहुत जटिल और मिश्रित भावनाओं से भरी हुई थी। वह असहाय था, संघर्ष कर रहा था, दुविधा में था, आशा और निराशा के बीच फंसा हुआ था, और वीरता और बलिदान की भावना से भरा हुआ था। महाभारत की कहानी में यह क्षण एक महत्वपूर्ण और भावनात्मक क्षण है। हालाँकि, कर्ण को उम्मीद नहीं थी कि अर्जुन उसे छल से मार देगा।
घर में भरी हुई है नकारात्मक ऊर्जा तो कैसे लगाएं पता, जानिए आध्यात्मिक शुद्धि का अनोखा तरीका?
कर्ण हमेशा से ही अपने धर्म और वचन के लिए जाने जाते थे। जब उनके रथ का पहिया फंस गया था, तब उन्होंने अर्जुन से युद्ध रोककर पहिया निकालने का आग्रह किया था। कर्ण का यह प्रयास उनके धार्मिक और नैतिक सिद्धांतों का प्रतीक है, जिसका उन्होंने अंत तक पालन किया। इसके अलावा, युद्ध के दौरान नए रथ की व्यवस्था करना और उस पर सवार होना बहुत कठिन था। रथ का पहिया फंस जाने के कारण कर्ण की स्थिति बहुत नाजुक हो गई थी।
उस समय रथ बदलने की बजाय पहिया निकालने का प्रयास करना अधिक तात्कालिक और महत्वपूर्ण था। महाभारत के योद्धाओं ने युद्ध की मर्यादा का पालन किया और जब कर्ण ने अर्जुन से युद्ध रोकने के लिए कहा, तो उन्हें उम्मीद थी कि अर्जुन इस मर्यादा का पालन करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। महाभारत में कर्ण का जीवन कई बार भाग्य के खेल का शिकार हुआ और रथ का पहिया फंस जाना और अर्जुन पर ब्रह्मास्त्र का प्रयोग न कर पाना कर्ण को दिए गए श्रापों का परिणाम था। इसलिए भले ही अर्जुन ने छल से कर्ण को मार दिया हो, लेकिन कर्ण की मृत्यु पहले से ही तय थी।
Disclaimer: इंडिया न्यूज़ इस लेख में सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए बता रहा हैं। इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
India News (इंडिया न्यूज),Fit India Sundays on Cycle: केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री, डॉ.…
E-Pan Card Download: अगर आपको ई-पैन कार्ड डाउनलोड करने वाला मेल आया है तो यह…
Turkey: तुर्की में एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में चार लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। यह…
India News (इंडिया न्यूज़),Bareilly news: बरेली के फरीदपुर में एक शिक्षिका की पत्नी ने अपने…
India News (इंडिया न्यूज),China Taiwan tension: चीन और अमेरिका के बीच तनाव गहराता जा रहा…
India News (इंडिया न्यूज),Bihar: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर बड़ी कार्रवाई…