धर्म

रामायण का वो योद्धा जो महाबली हनुमान से भी ज्यादा था बलशाली, भगवान राम भी नही कर पाए थे वध, जानें कौन था वो बलशाली?

India News (इंडिया न्यूज), Interesting Facts: हिंदू धर्म में सबसे प्रसिद्ध और पवित्र कथा रामायण है। रामायण में इतने प्रकार के पात्रों को दर्शाया गया है कि आज भी उन्हें समझ पाना बहुत मुश्किल है। लेकिन आज दशहरे के पावन अवसर पर हम आपको रामायण के एक ऐसे अद्भुत पात्र के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका नाम आप हजारों सालों से सुनते आ रहे हैं। वह नाम है मेघनाथ, जिसे इंद्रजीत के नाम से जाना जाता है। इसलिए आज हम इंद्रजीत के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें जानेंगे। रामायण के समय में लंका में एक राक्षस था जो रावण और कुंभकर्ण से भी ज्यादा खतरनाक था। वह राक्षस कोई और नहीं बल्कि रावण का बड़ा बेटा मेघनाद था।

हनुमान जी से भी ज्यादा शक्तिशाली

रामायण में मेघनाद को हनुमान जी से भी ज्यादा शक्तिशाली योद्धा माना जाता है। अगस्त्य मुनि ने भगवान राम को बताया था कि रावण का बेटा मेघनाद लंका का सबसे शक्तिशाली राक्षस है। मेघनाद ने अपने जादुई हथियारों से भगवान राम की पूरी सेना को हिलाकर रख दिया था। भगवान राम से लेकर हनुमान तक, सभी मेघनाद को रोकने में विफल रहे। मेघनाद को इंद्रजीत के नाम से भी जाना जाता था, यह वरदान उसे ब्रह्मा से मिला था। मेघनाद को वरदान देते समय ब्रह्मा ने कहा था कि उसे केवल वही योद्धा मार सकता है जो 14 साल से सोया न हो। लक्ष्मण अपने वनवास के दौरान 14 साल तक सोए नहीं थे। आखिरकार, लक्ष्मण ने मेघनाद का वध कर दिया।

कौन था मेघनाथ?

युद्ध के मैदान में सबके पसीने छुड़ा देने वाले महान योद्धा मेघनाथ लंकापति रावण के सबसे बड़े पुत्र थे और रावण की पहली पत्नी मंदोदरी ने मेघनाथ को जन्म दिया था। उन्होंने अपने बेटे का नाम मेघनाथ क्यों रखा इसके पीछे एक कहानी है। शास्त्रों के अनुसार जब मेघनाथ का जन्म हुआ तो उसके रोने की आवाज सामान्य बच्चे की तरह नहीं बल्कि बादल के गरजने जैसी थी, जिसके कारण बच्चे का नाम मेघनाथ रखा गया।

इस मूलांक के जातक पर टूट सकते हैं दुखों के पहाड़, एक लापरवाही बिगड़ सकती है पूरा साल, जाने क्या कहता है आज का ज्योतिष अंक?

मेघनाथ को ब्रह्मा का वरदान कैसे मिला?

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार लंका के राजा रावण ने स्वर्ग पर अपना आधिपत्य स्थापित करने के लिए देवताओं पर आक्रमण किया था। इस युद्ध में मेघनाथ ने भी हिस्सा लिया था। इस दौरान जब इंद्र ने लंका के राजा पर आक्रमण करने की कोशिश की तो मेघनाथ अपने पिता को बचाने के लिए आगे आया। मेघनाथ ने एक ही क्षण में इंद्र और इंद्र के वाहन ऐरावत पर आक्रमण कर दिया और सभी देवताओं के साथ इंद्र को भी परास्त कर दिया, जिसके बाद से उसे इंद्रजीत के नाम से संबोधित किया जाने लगा।

Today Horoscope: इस 1 राशि को मिलेगा उसका खोया प्यार, तो इन 5 जातकों के लिए खुलेंगे नौकरी के नए द्वार, जानें आज का राशिफल!

Preeti Pandey

Ms. Preeti Pandey I have 1 year of experience in journalism. I started my career with India News, where I am currently workig. My favorite beats are Dharam, Health,Entertainment, lifestyle. Apart from this, I can also write news on foreign affairs,tech, education.

Recent Posts

Shaurya Samman 2025: शौर्य सम्मान में कारगिल वॉर और पुलवामा अटैक के वीर शहीदों को किया गया सम्मानित

Shaurya Samman 2025: देश की रक्षा में शहीद हुए वीर सपूतों को शौर्य सम्मान से…

4 minutes ago

‘शौर्य सम्मान’ में CM Yogi ने दिखाई देश के जवानों की ताकत, जानिए क्या कहा?

India News (इंडिया न्यूज़),Shaurya Samman 2025 :  उत्तर प्रदेश के लखनऊ में ITV नेटवर्क की…

6 minutes ago

पुलिस भर्ती में भेदभाव पर अभ्यर्थियों का प्रदर्शन, सड़क पर उतर जताया विरोध

India News (इंडिया न्यूज), Police Recruitment: छत्तीसगढ़ के रायपुर में पुलिस भर्ती प्रक्रिया को लेकर…

17 minutes ago

शरीर के अंदर फट गया दिल, लिवर के 4 टुकड़े…सामने आई पत्रकार मुकेश चंद्राकर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट, पढ़कर मुंह को आ जाएगा कलेजा

Mukesh Chandrakar News: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने…

21 minutes ago