India News (इंडिया न्यूज), Mrityu Koop: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में कुएं और बावड़ियां मिलने का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में संभल के सरथल चौराहे के पास मोहल्ला कोट पूर्वी के पास एक नया कुआं मिला है, जिसकी खुदाई की जा रही है। इसे मृत्यु कूप यानी मौत का कुआं भी कहा जाता है। इसे संभल के 19 कुओं में से एक माना जाता है। यह कुआं मृत्युंजय महादेव मंदिर के पास स्थित है।

मिला मृत्यु का कुआं

आपको बता दें कि इससे पहले संभल स्थित फिरोज किले में एक बावड़ी और एक कुआं मिला है। जिले के डीएम ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि यहां एक जागृत कुआं मिला है और एक राजपूत बावड़ी मिली है। इससे पहले चंदौसी के लक्ष्मणगंज में एक बावड़ी मिली थी, जिसकी खुदाई पिछले पांच दिनों से चल रही है। यह बावड़ी सदियों पुरानी है। इसके अंदर कमरे, दरवाजे और सीढ़ियां मिली हैं। बताया जा रहा है कि इस बावड़ी में कुल दो मंजिल हैं।

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भगवान शिव है कनेक्शन

संभल में सबसे पहले प्राचीन शिव मंदिर मिला था, जिसमें काफी समय से पूजा-अर्चना बंद थी। हालांकि मंदिर मिलने के बाद इसकी साफ-सफाई की गई और फिर दोबारा पूजा-अर्चना शुरू हुई। इस मंदिर का नाम प्राचीन संभलेश्वर मंदिर रखा गया। इसके बाद मंदिर के पास दो कुएं भी मिले, जिनमें कई खंडित मूर्तियां मिलीं।

इसके बाद जिले के मुस्लिम बहुल इलाके में राधा-कृष्ण का मंदिर मिला, जिसमें अब पूजा-अर्चना हो रही है। संभल में कुल 19 कुएं बताए जाते हैं। दरअसल, 1978 में हुए दंगों के बाद यहां से हिंदुओं का पलायन शुरू हो गया था और इस वजह से मंदिर खंडहर बन गए और कुएं ढक गए।

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