India News (इंडिया न्यूज), Shree Krishna: गणेश चतुर्थी का पर्व हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है, लेकिन इसके साथ जुड़ी एक विशेष परंपरा है जो अक्सर लोगों को आश्चर्यचकित करती है—चंद्र दर्शन का वर्जन। इसके पीछे एक पुराणिक कथा है जो भगवान श्रीकृष्ण से संबंधित है। इस कथा के माध्यम से गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन की वर्जना और इसके धार्मिक महत्व को समझा जा सकता है।
एक बार की बात है, भगवान श्रीकृष्ण पर स्यमन्तक मणि की चोरी का झूठा आरोप लगाया गया। इस घटना ने द्वारका में हड़कंप मचा दिया और भगवान कृष्ण स्वयं इस आरोप से चिंतित हो गए। तभी देवर्षि नारद मुनि उनके पास आए और उन्हें बताया कि उन्होंने भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को चंद्रमा का दर्शन किया था। नारद जी ने कहा कि इस तिथि पर चंद्र दर्शन करने से उनपर मिथ्या दोष का श्राप लग गया है, जिसके कारण उनपर चोरी का झूठा आरोप लगा है।
राधा से इतना सच्चा प्रेम करने के बाद भी क्यों श्री कृष्ण ने किया था रुक्मिणी से विवाह?
नारद मुनि ने श्रीकृष्ण को बताया कि यह श्राप भगवान गणेश द्वारा दिया गया था। कथा के अनुसार, एक बार चंद्रदेव ने भगवान गणेश का उपहास किया था, जिसके कारण गणेश जी ने उन्हें श्राप दिया कि जो कोई भी भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को चंद्रमा का दर्शन करेगा, उस पर मिथ्या आरोप लगेगा। यह श्राप तब तक प्रभावी रहेगा जब तक वह व्यक्ति भगवान गणेश की पूजा-अर्चना और गणेश चतुर्थी व्रत का पालन न करे।
नारद मुनि की सलाह पर भगवान श्रीकृष्ण ने गणेश चतुर्थी का व्रत किया और विधिपूर्वक गणेश जी की पूजा की। इससे उन्हें मिथ्या दोष से मुक्ति मिली और स्यमन्तक मणि की चोरी का आरोप भी उनके ऊपर से हट गया। यही कारण है कि गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर चंद्र दर्शन वर्जित माना जाता है।
दो शादी 4 बच्चे, फिर भी क्यों अकेले रहने को मजबूर ‘महाभारत के ये कृष्ण’?
आज भी, गणेश चतुर्थी के दिन लोग इस परंपरा का पालन करते हैं और चंद्र दर्शन से बचते हैं। यह धार्मिक मान्यता न केवल भगवान गणेश के प्रति आस्था को दर्शाती है, बल्कि हमें अपनी पुराणिक कथाओं और धार्मिक संस्कारों से भी जोड़ती है।
निष्कर्षतः, गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन की वर्जना एक महत्वपूर्ण धार्मिक परंपरा है, जो हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है। श्रीकृष्ण और स्यमन्तक मणि की यह कथा हमें इस व्रत और चंद्र दर्शन के महत्व को समझने में मदद करती है और इस परंपरा के प्रति हमारी आस्था को और भी प्रगाढ़ करती है।
देवकी-वसुदेव को कारावास से मुक्त कराने के लिए 14 वर्ष बाद ही क्यों लिया था श्री कृष्ण ने जन्म?
India News (इंडिया न्यूज़),Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल में हर रोज कुछ न कुछ…
India News (इंडिया न्यूज), Bihar Police: बिहार के नवादा जिले में पटना उच्च न्यायालय के…
India News (इंडिया न्यूज), Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के करीब आते ही…
India News (इंडिया न्यूज़),Jaunpur News: उत्तर प्रदेश के जौनपुर में कब्रिस्तान के बीच स्थित शिवलिंग…
संरक्षक मंत्री को लेकर मुंबई में ज्यादा तकरार दिख रही है। ऐसा माना जा रहा…
Benefits of Raw Turmeric: हल्दी का इस्तेमाल मसाले के तौर पर किया जाता है, जिसे…