धर्म

कौन था सुशर्मा जिसने अर्जुन जैसे योद्धा को भी दे डाला था चकमा? पांडवों से भी था दो कदम आगे!

India News (इंडिया न्यूज), Susharma In Mahabharat: महाभारत का महासंग्राम 13वें दिन एक अनोखी पराक्रम की कहानी लेकर आया। त्रिगर्त देश का राजा सुशर्मा, जो अर्जुन का कट्टर प्रतिद्वंदी था, इस दिन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था। सुशर्मा और अर्जुन के बीच की प्रतिद्वंद्विता युद्ध के दौरान और भी उग्र हो गई थी। लेकिन इस बार, सुशर्मा का सामना केवल अर्जुन से नहीं था; उसके सामने एक अन्य चुनौती भी थी, जो चक्रव्यूह से जुड़ी थी।

द्रोणाचार्य, कौरवों के सेनापति, ने युधिष्ठिर को बंदी बनाने के लिए एक जटिल और अद्भुत रणनीति बनाई थी—चक्रव्यूह। यह ऐसा युद्धकला था जिसमें सैनिकों को गोलाकार व्यवस्था में रखा गया था, और इसको भेदना केवल कुछ ही लोगों के बस की बात थी। पांडव सेना में अर्जुन के अलावा और कोई भी चक्रव्यूह को तोड़ने की कला में निपुण नहीं था। द्रोणाचार्य ने जानबूझकर यह व्यवस्था बनाई थी ताकि अर्जुन को युद्ध से दूर रखा जा सके और युधिष्ठिर को बंदी बना लिया जा सके।

महाभारत में द्रौपदी ने किस के खून से धोये थे अपने बाल, क्या थी इसके पीछे की वजह?

अर्जुन की शक्तियों दे भली-भाति था अवगत

सुशर्मा, जो अर्जुन की शक्तियों को अच्छी तरह से जानता था, इस स्थिति का सही मूल्यांकन कर चुका था। उसने अपनी पूरी शक्ति लगाकर एक नायाब योजना बनाई। उसने महाभारत के युद्ध के मैदान में अर्जुन को चक्रव्यूह से दूर रखने का जिम्मा उठाया। उसे पता था कि अर्जुन को हराना असंभव था, लेकिन उसकी योजना थी कि उसे चक्रव्यूह में फंसने से रोकना है।

सुशर्मा ने अपने भाइयों के साथ मिलकर अर्जुन की रणनीतिक स्थिति को कमजोर किया। उसने अर्जुन को ध्यान केंद्रित नहीं करने दिया और उसे चक्रव्यूह से दूर रखने के लिए हर संभव प्रयास किया। यद्यपि उसकी ये रणनीतियाँ अर्जुन को चक्रव्यूह से दूर रखने में कुछ हद तक सफल रही, लेकिन युद्ध की जटिलताओं ने भी अपना असर डाला।

जब भरी सभा में हो रहा था द्रौपदी का अपमान, पति रहे चुप लेकिन दुख से चीख पड़ा था ये योद्धा?

सुशर्मा की गाथा

समय के साथ, सुशर्मा और उसके भाइयों ने युद्ध के मैदान में अपने प्राणों की आहुति दी। वे वीरता के प्रतीक बन गए और उनके बलिदान ने एक नई कथा को जन्म दिया। सुशर्मा की कुर्बानी ने युद्ध के उस दिन को एक ऐतिहासिक मोड़ दिया। चक्रव्यूह को भेदने के लिए अर्जुन की आवश्यकता को बढ़ा दिया और युद्ध के निर्णायक क्षणों को स्थापित किया।

सुशर्मा की गाथा, उसकी वीरता और उसकी रणनीति की कहानी महाभारत के युद्ध में एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में दर्ज हो गई। उसका बलिदान और उसकी योजना ने यथार्थ की एक नई परत को उजागर किया और युद्ध के उस भाग को सजीव कर दिया जो अर्जुन और चक्रव्यूह के बीच संघर्ष को दर्शाता है।

आखिर कौन थे वो कृपाचार्य जिन्होंने पांडव पुत्र की मृत्यु तक रचने का किया था साहस?

Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

Prachi Jain

Recent Posts

Makeup Side Effects: रोजाना मेकअप करने से होते हैं ये नुकसान, उम्र से पहले आ जाएंगी झुर्रियां

India News (इंडिया न्यूज)Makeup Side Effects: ज़्यादातर लोगों का मानना ​​है कि जब महिलाएं मेकअप…

6 minutes ago

‘कोई मुझे गोली मार देगा…’, क्यों घबराईं Raveena Tandon, आखिर किस वजह से सताया मौत का डर

‘कोई मुझे गोली मार देगा…’, क्यों घबराईं Raveena Tandon, आखिर किस वजह से सताया मौत…

41 minutes ago

‘केंद्रीय अर्धसैनिक बल, CISF और पुलिस के जवान पैसे लेते हैं तो…’ रिश्वत लेने वालों पर CM Mamata ने ये क्या कह दिया?

CM Mamata Banerjee: राज्य के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में सीएम ममता बनर्जी ने…

5 hours ago

पहली ही मुलाकात में नार्वे की राजकुमारी के बेटे ने 20 साल की लड़की से किया रेप, फिर जो हुआ…सुनकर कानों पर नहीं होगा भरोसा

Norway Princess Son Arrest: नॉर्वे की क्राउन प्रिंसेस मेटे-मैरिट के सबसे बड़े बेटे बोर्ग होइबी…

5 hours ago

हॉकी के बाद बिहार को इस बड़े स्पोर्ट्स इवेंट की मिली मेजबानी, खेल मंत्री मांडविया ने दी जानकारी

India News Bihar (इंडिया न्यूज)Khelo India Games: बिहार ने पिछले कुछ सालों में खेलों की…

5 hours ago