India News (इंडिया न्यूज), Facts About New Born Baby: जब कोई नवजात शिशु जन्म लेता है, तो उसे नए कपड़े पहनाने के बजाय पुराने कपड़े पहनाने की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। यह परंपरा खासकर भारत और हिंदू धर्म में बहुत प्रचलित है। घर के बुजुर्ग अक्सर इस बात पर जोर देते हैं कि शिशु को छठी से पहले पुराने कपड़े ही पहनाए जाएं। इसके पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही कारण हैं। आइए, इस परंपरा के पीछे छिपे तथ्यों और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को समझते हैं।


धार्मिक मान्यता

हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि नवजात शिशु को छठी पूजन तक पुराने कपड़े पहनाने चाहिए। छठी पूजा को शिशु की रक्षा और भविष्य के लिए शुभ माना जाता है। यह विश्वास है कि पुराने कपड़े शिशु को नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से बचाते हैं। इस परंपरा को पालन करना परिवार और समाज में शुभता लाने का प्रतीक माना जाता है।

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वैज्ञानिक कारण

  1. नए कपड़ों पर बैक्टीरिया और वायरस का जमाव
    नए कपड़ों पर बैक्टीरिया और वायरस हो सकते हैं, जो शिशु की कोमल त्वचा और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता के लिए हानिकारक हो सकते हैं। नवजात शिशु का इम्यून सिस्टम पूरी तरह विकसित नहीं होता, इसलिए उसे संक्रमण का खतरा अधिक रहता है।
  2. खुरदुरे और कड़े कपड़े
    नए सूती कपड़े अक्सर कड़े और खुरदुरे होते हैं। इन्हें धोने के बाद ही मुलायम बनाया जा सकता है। शिशु की त्वचा बहुत नाजुक होती है, जो खुरदुरे कपड़ों से जल्दी चोटिल हो सकती है। पुराने कपड़े पहले से ही मुलायम होते हैं और शिशु की त्वचा के लिए सुरक्षित माने जाते हैं।
  3. रंग छोड़ने की समस्या
    नए कपड़ों में उपयोग किए गए रंग और रसायन शिशु की त्वचा पर एलर्जी या जलन पैदा कर सकते हैं। कई बार नया कपड़ा पसीना और यूरिन जल्दी नहीं सोख पाता, जबकि पुराना कपड़ा इस काम में अधिक सक्षम होता है।

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नवजात शिशु के लिए सही कपड़े

  • मुलायम और स्किन-फ्रेंडली फैब्रिक: नवजात शिशु के लिए मलमल, कॉटन और ऑर्गेनिक फैब्रिक सबसे उपयुक्त होते हैं।
  • धुले हुए कपड़े: नए कपड़ों को शिशु को पहनाने से पहले 2-3 बार धोकर नरम बना लेना चाहिए।
  • सांस लेने वाले कपड़े: ऐसे कपड़े चुनें जो शिशु की त्वचा को सांस लेने दें और उसे अधिक गर्मी या ठंड से बचाएं।

शिशु के कपड़े धोने के तरीके

  1. माइल्ड डिटर्जेंट का इस्तेमाल करें: शिशु के कपड़े धोने के लिए केवल हल्के और बेबी-फ्रेंडली डिटर्जेंट का उपयोग करें।
  2. सैनिटाइज करें: कपड़े धोने के बाद उन्हें अच्छी तरह से सैनिटाइज करें। बाजार में उपलब्ध बेबी-फ्रेंडली सैनिटाइजिंग प्रोडक्ट का उपयोग कर सकते हैं।
  3. बीमार व्यक्ति से दूर रखें: जिन लोगों को सर्दी, खांसी या बुखार हो, उन्हें शिशु और उसके कपड़ों से दूर रखना चाहिए।

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नवजात शिशु को पुराने कपड़े पहनाने की परंपरा धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों दृष्टिकोणों से उचित है। पुराने कपड़े न केवल शिशु की त्वचा के लिए सुरक्षित होते हैं, बल्कि उसे संक्रमण से भी बचाते हैं। यदि नए कपड़े पहनाने हों, तो उन्हें पहले अच्छी तरह धोकर और नरम बनाकर ही उपयोग करें। यह परंपरा शिशु की सेहत और सुरक्षा के प्रति हमारी जागरूकता को दर्शाती है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।