India News (इंडिया न्यूज), Facts About New Born Baby: जब कोई नवजात शिशु जन्म लेता है, तो उसे नए कपड़े पहनाने के बजाय पुराने कपड़े पहनाने की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। यह परंपरा खासकर भारत और हिंदू धर्म में बहुत प्रचलित है। घर के बुजुर्ग अक्सर इस बात पर जोर देते हैं कि शिशु को छठी से पहले पुराने कपड़े ही पहनाए जाएं। इसके पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही कारण हैं। आइए, इस परंपरा के पीछे छिपे तथ्यों और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को समझते हैं।
हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि नवजात शिशु को छठी पूजन तक पुराने कपड़े पहनाने चाहिए। छठी पूजा को शिशु की रक्षा और भविष्य के लिए शुभ माना जाता है। यह विश्वास है कि पुराने कपड़े शिशु को नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से बचाते हैं। इस परंपरा को पालन करना परिवार और समाज में शुभता लाने का प्रतीक माना जाता है।
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नवजात शिशु को पुराने कपड़े पहनाने की परंपरा धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों दृष्टिकोणों से उचित है। पुराने कपड़े न केवल शिशु की त्वचा के लिए सुरक्षित होते हैं, बल्कि उसे संक्रमण से भी बचाते हैं। यदि नए कपड़े पहनाने हों, तो उन्हें पहले अच्छी तरह धोकर और नरम बनाकर ही उपयोग करें। यह परंपरा शिशु की सेहत और सुरक्षा के प्रति हमारी जागरूकता को दर्शाती है।
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